एलोरा के कैलाश मंदिर से जुड़े 18 अद्भुत तथ्य

एलोरा के कैलाश मंदिर से जुड़े 18 अद्भुत तथ्य
  1. स्थान और निर्माण
    यह मंदिर महाराष्ट्र के औरंगाबाद ज़िले की एलोरा की 16वीं गुफा में स्थित है।

  2. शिल्पकला का चमत्कार
    मंदिर एक ही पहाड़ को ऊपर से नीचे की ओर काटकर बनाया गया है, न कि पत्थरों को जोड़कर।

  3. निर्माण काल
    इसे बनाने में लगभग 150 वर्ष लगे थे।

  4. मजदूरों की संख्या
    माना जाता है कि करीब 7000 मजदूरों ने लगातार कई वर्षों तक काम किया।

  5. आकार और माप
    इसकी ऊँचाई 90 फीट, लंबाई 276 फीट और चौड़ाई 154 फीट है।

  6. कैलाश पर्वत की प्रतिकृति
    यह मंदिर भगवान शिव के निवास कैलाश पर्वत की तरह बनाया गया है।

  7. मंडप और मूर्तियाँ
    मंदिर में नंदी मंडप, विशाल हाथी और स्तंभ के साथ कोठरियाँ भी हैं।

  8. पूजा की व्यवस्था नहीं
    यहाँ पूजा नहीं होती, न ही कोई पुजारी नियुक्त है। यह एक सांस्कृतिक धरोहर है।

  9. इतिहास एक रहस्य
    इसके निर्माण का सटीक काल और तकनीक आज भी एक रहस्य है।

  10. विरुपाक्ष मंदिर से प्रेरणा
    इसका निर्माण राष्ट्रकूट वंश ने कर्नाटक के विरुपाक्ष मंदिर से प्रेरणा लेकर करवाया।

  11. भूमिगत अवशेष
    पुरातत्व अनुसंधान में इसके नीचे एक प्राचीन शहर के अवशेष मिले हैं, जहां आम लोगों का प्रवेश निषिद्ध है।

  12. बहुधार्मिक प्रभाव
    इसके निर्माण में बौद्ध, जैन और हिंदू संस्कृतियों का योगदान रहा।

  13. औरंगजेब की असफलता
    मुगल शासक औरंगजेब ने इसे नष्ट करने की कोशिश की, लेकिन 3 वर्षों की मेहनत के बाद भी वह विफल रहा।

  14. दुनिया की सबसे बड़ी रॉक-छत
    इसमें एक विशाल कैंटिलीवर रॉक छत है, जो आज भी एक अनसुलझा वास्तुकला रहस्य है।

  15. चट्टान हटाने का चमत्कार
    इसके निर्माण में करीब 4 लाख टन चट्टान हटाई गई, जो आज की मशीनों से भी असंभव जैसा कार्य है।

  16. ध्वनि का प्रभाव
    इसकी बनावट इस प्रकार है कि दीवारों और स्तंभों में ध्वनि और कंपन विशेष रूप से अनुभव होते हैं।

  17. बाहरी दुनिया की थ्योरी
    कुछ लोग मानते हैं कि इतनी जटिल संरचना उस समय की तकनीक से संभव नहीं थी, इसलिए बाहरी दुनिया के लोगों के निर्माण का अनुमान भी लगाया जाता है।

  18. नक्काशी का चमत्कार
    इसकी दीवारों पर की गई बारीक नक्काशी को सिर्फ छेनी और हथौड़े से करना आज के समय में भी अत्यंत कठिन है।

निष्कर्ष:
एलोरा का कैलाश मंदिर न केवल भारत की सांस्कृतिक और धार्मिक धरोहर है, बल्कि यह मानव कौशल, धैर्य और रचनात्मकता का एक अद्वितीय उदाहरण भी है।