नवग्रहों की शांति के लिए करें औषधि स्नान – जानिए 9 ग्रहों के अनुसार कौन सी औषधियाँ डालें नहाने के पानी में
ज्योतिष शास्त्र में ग्रहों के प्रभाव को जीवन के हर क्षेत्र में महत्वपूर्ण माना गया है। जन्मपत्रिका में स्थित अशुभ ग्रह न केवल मानसिक तनाव, शारीरिक रोग या आर्थिक हानि का कारण बन सकते हैं, बल्कि पारिवारिक जीवन और कार्यक्षेत्र पर भी विपरीत प्रभाव डालते हैं।
जहां मंत्र-जाप, यज्ञ, रत्न-धारण और दान जैसे उपायों का महत्व है, वहीं ‘औषधि स्नान’ भी एक सरल व प्रभावी उपाय माना गया है। यह स्नान एक प्रकार की प्राकृतिक चिकित्सा है, जिसमें जल में विशेष जड़ी-बूटियाँ और तत्व मिलाकर शरीर पर छिड़काव या स्नान किया जाता है। इससे नकारात्मक ग्रह-ऊर्जा शांत होती है और जीवन में सकारात्मकता आती है।
क्या है औषधि स्नान?
‘औषधि स्नान’ का अर्थ है—स्नान के जल में विशेष औषधीय गुणों वाली जड़ी-बूटियाँ, पुष्प, रस, अथवा सुगंधित पदार्थों को मिलाकर नहाना। यह शास्त्रीय पद्धति वैदिक काल से चली आ रही है और इसे ग्रहों की शांति का एक प्राकृतिक उपाय माना जाता है। यह विशेषकर उन लोगों के लिए लाभकारी है, जिनकी कुंडली में ग्रह दोष या महादशा/अंतर्दशा में पीड़ित ग्रह चल रहे हों।
नवग्रहों के अनुसार औषधि स्नान की विधि
नीचे प्रत्येक ग्रह के लिए सुझाई गई औषधियों की सूची दी जा रही है। आप इन्हें नित्य स्नान के जल में डाल सकते हैं या सप्ताह में एक-दो बार भी यह स्नान विधि अपनाई जा सकती है।
1. सूर्य (सूर्य दोष या पीड़ित सूर्य के लिए)
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औषधियाँ: इलायची, केसर, रक्तचन्दन, मुलेठी, लाल पुष्प
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विधि: इन सामग्री को पानी में डालकर स्नान करें। यह आत्मबल और आत्मविश्वास को बढ़ाता है।
2. चंद्र (मानसिक तनाव या अस्थिरता के लिए)
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औषधियाँ: पंचगव्य (दूध, दही, घी, गोमूत्र, गोबर), खिरनी की जड़, श्वेत चंदन, श्वेत पुष्प
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लाभ: मन की शांति और भावनात्मक संतुलन प्राप्त होता है।
3. मंगल (क्रोध, रक्तचाप या भूमि विवाद के लिए)
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औषधियाँ: लाल चंदन, जटामांसी, हींग, लाल पुष्प
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लाभ: उग्रता और हिंसक प्रवृत्तियों में कमी आती है, ऊर्जा संतुलित होती है।
4. बुध (बुद्धि, वाणी दोष या व्यापार में हानि)
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औषधियाँ: अक्षत (चावल), गोरोचन, विधारा की जड़, शहद, जायफल
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लाभ: वाणी में मिठास, बुद्धि की तीव्रता, और निर्णय क्षमता में वृद्धि होती है।
5. गुरु (शिक्षा, संतान, या धर्म से संबंधित बाधाएं)
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औषधियाँ: हल्दी, शहद, गिलोय, मुलेठी, चमेली के फूल
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लाभ: ज्ञान और आध्यात्मिक उन्नति होती है, गुरुदोष से मुक्ति मिलती है।
6. शुक्र (विलासिता, दांपत्य जीवन या त्वचा रोग के लिए)
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औषधियाँ: जायफल, केसर, इलायची, चमेली या सफेद पुष्प
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लाभ: आकर्षण, सौंदर्य और वैवाहिक सुख की प्राप्ति होती है।
7. शनि (कष्ट, कार्य में रुकावट, दुर्भाग्य, रोग)
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औषधियाँ: सौंफ, खस, सुरमा, काले तिल
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लाभ: शनि दोष में राहत, स्थिरता और सफलता का मार्ग खुलता है।
8. राहु (भ्रम, छाया दोष, असमंजस, भय)
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औषधियाँ: कस्तूरी, लोबान
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लाभ: मनोबल और आत्मविश्वास में वृद्धि, भय व भ्रम से छुटकारा।
9. केतु (अचानक हानि, अस्थिरता, आध्यात्मिक भ्रम)
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औषधियाँ: रक्त चंदन, कुशा
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लाभ: आत्मिक शांति, ध्यान में स्थिरता और रहस्यमय भय से मुक्ति।
स्नान विधि (सामान्य निर्देश):
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एक बाल्टी गुनगुने पानी में ग्रहानुसार औषधियाँ मिलाएं।
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स्नान से पूर्व उस जल को थोड़ी देर ऐसे ही छोड़ दें, ताकि औषधियाँ जल में समाहित हो सकें।
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स्नान करते समय शांत मन से उस ग्रह से संबंधित बीज मंत्र या नाम जप करें।
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स्नान के बाद स्वच्छ वस्त्र पहनकर, भगवान की आरती या प्रार्थना करें।
महत्वपूर्ण सुझाव:
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सप्ताह के उस ग्रह से संबंधित दिन को प्राथमिकता दें (जैसे रविवार को सूर्य, शनिवार को शनि)।
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औषधियाँ शुद्ध और सात्विक होनी चाहिए।
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