पांव में मोच आने के बाद क्या न करें, और कैसे करें सही पहचान मोच और फ्रैक्चर की

पांव में मोच आने के बाद क्या न करें, और कैसे करें सही पहचान मोच और फ्रैक्चर की

अक्सर खेलते समय, जल्दी-जल्दी चलते हुए या भारी सामान उठाते समय पांव में मोच आ जाना एक सामान्य समस्या है। कई बार लोग इसे हल्के में लेते हैं, जिससे दर्द और सूजन बढ़ जाती है। जरूरी है कि मोच या फ्रैक्चर की स्थिति में सही जानकारी हो ताकि समय रहते उचित कदम उठाया जा सके।

मोच (Sprain) आने पर क्या करें

  1. आराम दें (Rest)
    जिस हिस्से में मोच आई हो, उसे तुरंत पूरी तरह आराम दें और कोशिश करें कि उस पर कोई दबाव न पड़े।

  2. बर्फ से सिंकाई करें (Ice Therapy)
    मोच आने के बाद 48 से 72 घंटे तक हर 2 से 3 घंटे में 15–20 मिनट तक बर्फ से सिंकाई करें। बर्फ को सीधे त्वचा पर न रखें, कपड़े में लपेटकर लगाएं।

  3. बैंडेज लगाएं (Compression)
    प्रभावित हिस्से को इलास्टिक बैंडेज से लपेटें ताकि सूजन कम हो। ध्यान रहे कि बैंडेज बहुत कसकर न बांधें जिससे रक्त संचार बाधित न हो।

  4. ऊंचाई पर रखें (Elevation)
    सूजन कम करने के लिए उस हिस्से को तकिए आदि की मदद से हृदय की ऊंचाई से ऊपर रखें।

मोच आने पर क्या नहीं करें

  1. मालिश न करें
    चोट के तुरंत बाद मालिश करने से आंतरिक ऊतकों को नुकसान हो सकता है।

  2. गर्म सेंक न दें
    हीटिंग पैड, गर्म पानी या स्टीम से बचें, क्योंकि इससे सूजन बढ़ सकती है।

  3. शारीरिक गतिविधि न करें
    जब तक दर्द और सूजन कम न हो जाए, उस हिस्से पर कोई एक्सरसाइज या ज़्यादा हिल-डुल न करें।

  4. शराब से दूरी बनाए रखें
    शराब पीने से सूजन बढ़ सकती है और उपचार में देरी हो सकती है।

मोच और फ्रैक्चर में अंतर

लक्षण मोच (Sprain) फ्रैक्चर (Fracture)
दर्द मध्यम, समय के साथ कम हो सकता है तेज और लगातार
सूजन हल्की या मध्यम अधिक और तेज बढ़ने वाली
मूवमेंट कुछ हद तक संभव अत्यधिक दर्द या बिलकुल नहीं हिलता
रंग परिवर्तन कभी-कभी नीला या काला पड़ सकता है चोट की जगह का आकार असामान्य हो सकता है
एक्स-रे में सामान्य होता है हड्डी की टूट-फूट दिखती है

फ्रैक्चर होने पर क्या करें

  1. हिलाना-डुलाना बंद करें
    जिस अंग में चोट है उसे स्थिर रखें। लकड़ी, फुलपट्टी या किसी मजबूत चीज़ से सपोर्ट दें।

  2. खून बह रहा हो तो दबाएं
    अगर चोट से खून निकल रहा हो, तो साफ कपड़े या पट्टी से हल्के से दबाकर खून को रोकें।

  3. चोट को साफ रखें
    घाव वाली जगह को हल्के हाथ से साफ पानी से धो सकते हैं।

  4. हड्डी बाहर दिखे तो न छुएं
    उसे छेड़ने की कोशिश न करें, साफ कपड़े से ढंक दें और जल्द से जल्द चिकित्सकीय सहायता लें।

  5. डॉक्टर के पास तुरंत ले जाएं
    एक्स-रे और डॉक्टर की सलाह से सही इलाज हो सकेगा और हड्डी को समय रहते जोड़ा जा सकेगा।

फ्रैक्चर होने पर क्या नहीं करें

  • मरीज को कुछ खाने-पीने को न दें, क्योंकि अगर सर्जरी की आवश्यकता पड़ी तो डॉक्टर को बेहोशी देने में दिक्कत हो सकती है।

  • चोट वाली जगह पर मलहम या कोई घरेलू उपाय न लगाएं, इससे संक्रमण का खतरा बढ़ सकता है।

निष्कर्ष

पांव में मोच और फ्रैक्चर जैसी चोटें गंभीर हो सकती हैं, यदि सही समय पर उचित देखभाल न की जाए। मोच में घर पर आराम, बर्फ की सिंकाई और ऊंचाई पर रखने जैसे उपाय कारगर होते हैं। वहीं फ्रैक्चर की स्थिति में तुरंत डॉक्टर से संपर्क आवश्यक है। दोनों के लक्षणों को समझें और कोई भी कदम सोच-समझकर उठाएं।