श्री पशुपतिनाथ महादेव
 
                                        
                                
                            मन्दसौर शहर के दक्षिण में बहने वाली पुण्य सलिला शिवना के दक्षिणी तट पर बना अष्टमुखी पुशपतिनाथ का मन्दिर इस नगर के प्रमुख आकर्षण का केन्द्र है। अष्टमुखी शिवलिंग की विश्व में यह एक मात्र प्रतिमा है। आग्नेय शिला के दुर्लभ खण्ड पर निर्मित यह प्रतिमा किसी अज्ञात कलाकार की अनुपम कृति है जो सदियों पूर्व शिवना की गोद में समा गयी थीं। इस विशाल ओजस्वी प्रतिमा के दर्शन करने पर एक अद्भुत शांति मन को प्राप्त होती है। इस प्रतिमा के बाद 20 वीं शताब्दी में कोई पचास से भी अधिक प्रतिमाएँ शिवना की सिकता से प्रकट हो चुकी हैं जिनमें से अधिकांश औलिकर काल (6-7 वीं शताब्दी) की है। इसी आधार पर अष्टमुखी का काल निर्णय किया जाना चाहिए।
कैसे पहुंचे
पशुपतिनाथ पहुचने के लिये देश के हर जगह से रेल सुविधा उपलब्ध है जिससे आप मंदसौर रेलवे स्टेशन आ सकते है स्टेशन से मंदिर की दुरी मात्र 5 किलोमीटर है इसके लिये आसानी से कुछ भी साधन उपलब्ध हो जाते है
| आरती समय | |
| मंगला आरती | 05:00 से 06:00 | 
| स्थापित देवताओं का पुजन व अभिषेक | 05:30 से 06:30 | 
| श्रृंगार आरती | 07:00 से 07:30 | 
| राजभोग एवं आरती | 11:00 से 11:10 | 
| मध्यान शयन | 01:00 से 02:00 | 
| संध्या आरती | 06:00 से 07:15 | 
| भस्म लेपन व दुग्ध भोग एवं शयन आरती | 9:30 से 10:00 | 
| रात्रि शयन (पट बन्द) | 09:45 से 10:30 | 
 
                     
	
                                         
	
                                         
	
                                         
	
                             
	
                             
	
                             
	
                             
	
							 
	
							 
	
							 
	
							 
	
							