तांबे के बर्तन में पानी पीने के फायदे और इन 5 चीजों से बचाव जरूरी

तांबे के बर्तन में पानी पीने के फायदे और इन 5 चीजों से बचाव जरूरी

तांबे के बर्तन में रखा हुआ पानी आयुर्वेद में अमृत समान माना गया है। यह ना केवल शरीर को शुद्ध करता है, बल्कि कई रोगों से बचाव में भी मददगार है। प्राचीन चिकित्सा पद्धतियों के अनुसार, तांबे के बर्तन में कम से कम आठ घंटे रखा गया पानी — जिसे ताम्र जल कहा जाता है — स्वास्थ्य के लिए अत्यंत लाभकारी होता है।

स्वास्थ्य विशेषज्ञों की राय

 ताम्र जल के नियमित सेवन से शरीर में जमा विषैले तत्व बाहर निकलते हैं और रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है। पीलिया और डायरिया जैसे रोगों में यह विशेष रूप से लाभकारी होता है क्योंकि तांबा बैक्टीरिया को नष्ट करने की क्षमता रखता है।

डॉ. मेधावी अग्रवाल बताती हैं कि तांबा शरीर के महत्वपूर्ण अंगों जैसे लिवर, मस्तिष्क, दिल, किडनी और हड्डियों की मांसपेशियों में पाया जाता है। इसकी मात्रा यदि सामान्य स्तर से अधिक या कम हो जाए तो यह नुकसानदायक हो सकता है।

तांबे के बर्तन में पानी पीने के प्रमुख लाभ

पाचन तंत्र को दुरुस्त करता है – गैस, एसिडिटी जैसी समस्याओं में राहत मिलती है।

त्वचा में निखार लाता है – सुबह ताम्र जल पीने से त्वचा चमकती है।

जोड़ों के दर्द और गठिया में राहत – इसके एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण लाभकारी हैं।

थायराइड संतुलन में सहायक – थायराइड ग्रंथि की कार्यप्रणाली में सुधार करता है।

वजन घटाने में मददगार – मेटाबॉलिज्म तेज करता है।

गर्भावस्था में फायदेमंद – डॉक्टर की सलाह अनुसार सीमित मात्रा में इसका सेवन सुरक्षित है।

लेकिन इन 5 चीजों को कभी न रखें तांबे के बर्तन में

स्वास्थ्य लाभों के बावजूद, कुछ खाद्य पदार्थ ऐसे हैं जिन्हें तांबे के बर्तन में रखने से गंभीर नुकसान हो सकता है। इनसे तांबे के साथ रासायनिक क्रियाएं होती हैं, जो सेहत के लिए हानिकारक होती हैं:

1. नींबू

नींबू में मौजूद एसिड तांबे के साथ रासायनिक क्रिया करता है। इससे बनने वाला मिश्रण शरीर में विषाक्तता फैला सकता है।

2. दही

दही को तांबे के बर्तन में रखने से यह जल्दी खराब हो सकता है और इसके सेवन से फूड पॉइजनिंग, घबराहट और जी मिचलाने जैसी समस्याएं हो सकती हैं।

3. सिरका

सिरका एक अम्लीय पदार्थ है। जब यह तांबे के साथ संपर्क में आता है, तो एक हानिकारक रासायनिक प्रतिक्रिया उत्पन्न होती है, जो शरीर को नुकसान पहुंचा सकती है।

4. अचार

अचार में प्रायः सिरका और खट्टे तत्व होते हैं। यह तांबे के साथ मिलकर ज़हरीले यौगिक बना सकते हैं। इससे पाचनतंत्र पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ सकता है।

5. छाछ

दही की तरह ही छाछ को भी तांबे के बर्तन में रखने से इसकी गुणवत्ता खराब हो जाती है और इसका सेवन स्वास्थ्य के लिए नुकसानदायक हो सकता है।

निष्कर्ष

तांबे के बर्तन में पानी पीना निश्चित रूप से स्वास्थ्य के लिए लाभदायक है, लेकिन इसका सही तरीके से उपयोग करना जरूरी है। आठ घंटे तक पानी रखने के बाद ही उसका सेवन करें, और ध्यान रखें कि इसमें कभी भी अम्लीय या खट्टे पदार्थ न रखें। सही उपयोग से तांबे का यह प्राचीन उपाय आपके जीवन में स्वास्थ्य और ऊर्जा भर सकता है।