पृथ्वी मुद्रा
यह मुद्रा शरीर में खून के दौरे को ठीक रखता है और साथ ही यह हड्डियों को और मासपेशियों में मजबूती लाता है।
- पृथ्वी मुद्रा करने के लिए सबसे पहले पद्मासन या सुखासन की मुद्रा में बैठ जाये।
- अपनी हथेलियों को जांघों पर रखें और सांस पर ध्यान लगाएं।
- अब अपनी अनामिका (रिंग फिंगर) को अंगूठे के टिप से जोड़ें।
- बहुत अधिक दबाव न डालें। ऐसा दोनों हाथों से करें।
- बाकी बची हुई तीनों अँगुलियों को उपर की और सीधा तान कर रखें।
- इस मुद्रा की खासियत यह है की आप इसे कभी भी कही भी कर सकते है।
- पृथ्वी मुद्रा शरीर में प्रथ्वी तत्व बढाते है, जिसके चलते शारीरिक दुर्बलता दूर होती है।
- आलस दूर होता है और शरीर में स्फूर्ति आती है।
- इससे पाचन क्रिया भी दुरुस्त होती है।
- यह एकाग्रता बढाने में सहायक है।
- यह मुद्रा वजन बढाने में मददगार है।
- यह मुद्रा खाली पेट करनी चाहिए।
- इस मुद्रा को करते समय अपका ध्यान भटकना नहीं चाहिए।
- अगर आपको कफ़ दोष है तो इस मुद्रा को अधिक समय के लिए न करें।