श्री मन्यु सुक्तम

श्री मन्यु सुक्तम

|| श्री मन्यु सुक्तम ||


यस्ते'' मन्योऽवि'धद् वज्र सायक सह ओजः' पुष्यति विश्व'मानुषक् |
साह्याम दासमार्यं त्वया'' युजा सह'स्कृतेन सह'सा सह'स्वता || 1 ||

मन्युरिन्द्रो'' मन्युरेवास' देवो मन्युर् होता वरु'णो जातवे''दाः |
मन्युं विश' ईलते मानु'षीर्याः पाहि नो'' मन्यो तप'सा सजोषा''ः || 2 ||

अभी''हि मन्यो तवसस्तवी''यान् तप'सा युजा वि ज'हि शत्रू''न् |
अमित्रहा वृ'त्रहा द'स्युहा च विश्वा वसून्या भ'रा त्वं नः' || 3 ||

त्वं हि म''न्यो अभिभू''त्योजाः स्वयम्भूर्भामो'' अभिमातिषाहः |
विश्वच'र्-षणिः सहु'रिः सहा''वानस्मास्वोजः पृत'नासु धेहि || 4 ||

अभागः सन्नप परे''तो अस्मि तव क्रत्वा'' तविषस्य' प्रचेतः |
तं त्वा'' मन्यो अक्रतुर्जि'हीलाहं स्वातनूर्ब'लदेया''य मेहि' || 5 ||

अयं ते'' अस्म्युप मेह्यर्वाङ् प्र'तीचीनः स'हुरे विश्वधायः |
मन्यो'' वज्रिन्नभि मामा व'वृत्स्वहना''व दस्यू''न् ऋत बो''ध्यापेः || 6 ||

अभि प्रेहि' दक्षिणतो भ'वा मेऽधा'' वृत्राणि' जङ्घनाव भूरि' |
जुहोमि' ते धरुणं मध्वो अग्र'मुभा उ'पांशु प्र'थमा पि'बाव || 7 ||

त्वया'' मन्यो सरथ'मारुजंतो हर्ष'माणासो धृषिता म'रुत्वः |
तिग्मेष'व आयु'धा संशिशा''ना अभि प्रयं''तु नरो'' अग्निरू''पाः || 8 ||

अग्निरि'व मन्यो त्विषितः स'हस्व सेनानीर्नः' सहुरे हूत ए''धि |
हत्वाय शत्रून् वि भ'जस्व वेद ओजो मिमा''नो विमृधो'' नुदस्व || 9 ||

सह'स्व मन्यो अभिमा''तिमस्मे रुजन् मृणन् प्र'मृणन् प्रेहि शत्रू''न् |
उग्रं ते पाजो'' नन्वा रु'रुध्रे वशी वशं'' नयस एकज त्वम् || 10 ||

एको'' बहूनाम'सि मन्यवीलितो विशं''विशं युधये सं शि'शाधि |
अकृ'त्तरुक् त्वया'' युजा वयं द्युमंतं घोषं'' विजयाय' कृण्महे || 11 ||

विजेषकृदिन्द्र' इवानवब्रवो(ओ)3'ऽस्माकं'' मन्यो अधिपा भ'वेह |
प्रियं ते नाम' सहुरे गृणीमसि विद्मातमुत्सं यत' आबभूथ' || 12 ||

आभू''त्या सहजा व'ज्र सायक सहो'' बिभर्ष्यभिभूत उत्त'रम् |
क्रत्वा'' नो मन्यो सहमेद्ये''धि महाधनस्य' पुरुहूत संसृजि' || 13 ||

संसृ'ष्टं धन'मुभयं'' समाकृ'तमस्मभ्यं'' दत्तां वरु'णश्च मन्युः |
भियं दधा''ना हृद'येषु शत्र'वः परा''जितासो अप निल'यन्ताम् || 14 ||

धन्व'नागाधन्व' नाजिञ्ज'येम धन्व'ना तीव्राः समदो'' जयेम |
धनुः शत्रो''रपकामं कृ'णोति धन्व' नासर्वा''ः प्रदिशो'' जयेम ||

भद्रं नो अपि' वातय मनः' ||

ॐ शान्ता' पृथिवी शि'वमन्तरिक्षं द्यौर्नो'' देव्यऽभ'यन्नो अस्तु |

शिवा दिशः' प्रदिश' उद्दिशो'' नऽआपो'' विश्वतः परि'पान्तु सर्वतः शान्तिः शान्तिः शान्तिः' ||

ॐ शांतिः शांतिः शान्तिः