13 जुलाई को कुंभ में बन रहा ग्रहण योग – किन्हीं 5 राशियों के लिए बन सकता है मानसिक उलझनों और जीवन में अनचाहे बदलाव का संकेत

13 जुलाई को कुंभ में बन रहा ग्रहण योग – किन्हीं 5 राशियों के लिए बन सकता है मानसिक उलझनों और जीवन में अनचाहे बदलाव का संकेत

इस वर्ष 13 जुलाई 2025 की संध्या को आकाश में एक अद्भुत परंतु खतरनाक खगोलीय योग बन रहा है — जब चंद्रमा कुंभ राशि में प्रवेश करेगा और वहां पहले से स्थित रहस्यमयी ग्रह राहु के साथ युति करेगा। यह युति एक ‘ग्रहण योग’ की सृष्टि करती है, जो वास्तविक चंद्रग्रहण तो नहीं है, परंतु उससे कम मानसिक प्रभाव भी नहीं डालती। चंद्रमा जहाँ मन, भावना, स्मृति और निर्णय क्षमता का प्रतीक होता है, वहीं राहु अस्थिरता, भ्रम, मानसिक छाया और माया का ग्रह है। जब ये दोनों एक ही राशि में एकत्र होते हैं, तो व्यक्ति का विवेक क्षीण हो सकता है, और वह अपने जीवन में भ्रम, बेचैनी, और तनाव का अनुभव करने लगता है।

यह योग कुछ विशेष राशियों के लिए अत्यधिक संवेदनशील समय का संकेत देता है। आइए जानते हैं उन पांच राशियों के बारे में जिनके लिए यह ग्रहण योग चेतावनी की घंटी है — जिन्हें सावधान रहना होगा अपने मन, संबंधों, निर्णयों और स्वास्थ्य को लेकर:

वृषभ राशि – पारिवारिक संतुलन डगमगाने का संकेत, मन में अस्थिरता और बेचैनी बढ़ सकती है

वृषभ राशि के जातकों के लिए यह ग्रहण योग मन और घर के बीच सीधा संघर्ष उत्पन्न कर सकता है। कुंभ, वृषभ की कुंडली के चतुर्थ भाव में आता है, जो घर, माता और मानसिक स्थायित्व से जुड़ा होता है। चंद्रमा जब राहु से मिलकर इस भाव में प्रवेश करेगा, तो आपकी भावनाओं में तूफानी उतार-चढ़ाव देखने को मिल सकते हैं। विशेष रूप से माता या घर की बुजुर्ग महिला के स्वास्थ्य या व्यवहार को लेकर चिंता उत्पन्न हो सकती है। आप पाएंगे कि मन अचानक अशांत हो रहा है, निर्णय लेने में अस्पष्टता बनी हुई है, और छोटी-छोटी बातों पर चिड़चिड़ापन हावी हो रहा है। कार्य में मन लगाना कठिन होगा और कई बार आप स्वयं यह नहीं समझ पाएंगे कि किस बात से असहज हैं। यह समय है धैर्य और संयम का। घर के वातावरण को शांत बनाए रखने के लिए गहरे सांस लें, ध्यान करें और घर के बड़े-बुज़ुर्गों की सेवा करें।

मिथुन राशि – वाणी और विचारों में भ्रम, संबंधों में दरार की आशंका

मिथुन राशि के लिए यह ग्रहण योग तीसरे भाव में बन रहा है, जो आपकी अभिव्यक्ति, संवाद, छोटे भाई-बहन और यात्रा से जुड़ा होता है। इस समय आपके विचार तीव्र गति से बदल सकते हैं, और आपकी कही हुई बातें गलत अर्थ में ली जा सकती हैं। मित्रों या सहकर्मियों के साथ किसी संवाद में कटुता आ सकती है, जिससे संबंधों में तनाव उत्पन्न हो सकता है। जो कार्य आप सामान्य रूप से सहजता से कर लेते हैं, उन्हीं में बार-बार ध्यान भटक सकता है। छोटी यात्राएँ कष्टप्रद हो सकती हैं और आपको लगेगा कि जैसे कोई अदृश्य भ्रम जाल में फँसे हुए हैं। यह समय कोई भी बड़ा निर्णय लेने का नहीं है — न व्यक्तिगत जीवन में, न व्यावसायिक क्षेत्र में। संवाद करने से पहले एक बार नहीं, दो बार सोचें, और ध्यान व मेडिटेशन से अपने विचारों को साफ़ करने का प्रयास करें।

सिंह राशि – आत्मबल में कमी, मान-सम्मान और नेतृत्व क्षमता पर प्रभाव

सिंह राशि के लिए यह योग सप्तम भाव में बन रहा है — जो विवाह, साझेदारी, सामाजिक प्रतिष्ठा और जीवन के दर्पण का स्थान होता है। जब राहु और चंद्रमा जैसे विपरीत स्वभाव वाले ग्रह इस भाव में मिलते हैं, तो सिंह राशि के जातकों का आत्मविश्वास क्षीण हो सकता है। आपको यह लग सकता है कि आपकी बातों का वजन नहीं रह गया, आपके निर्णय लोगों को प्रभावित नहीं कर रहे, और आपका आत्मबल बार-बार डगमगा रहा है। पेशेवर मोर्चे पर आप स्वयं को अकेला या कमजोर महसूस कर सकते हैं, विशेषकर यदि आप किसी नेतृत्व भूमिका में हैं। वरिष्ठों से प्रशंसा की जगह आलोचना मिल सकती है, और किसी पुराने मित्र या सहयोगी द्वारा उपेक्षा का अनुभव हो सकता है। यह समय अपने भीतर के सूर्य को पुनः जगाने का है — सूर्य को जल चढ़ाएं, अपने आत्मबल को स्मरण करें, और कोई नया विचार सार्वजनिक रूप से प्रकट करने से फिलहाल बचें।

तुला राशि – संबंधों में भ्रम, कानूनी उलझनों की आशंका

तुला राशि के लिए यह ग्रहण योग पंचम भाव में बनता है, जो प्रेम, रचनात्मकता, संतान और रोमांटिक संबंधों का स्थान है। इस समय राहु की छाया इन भावनात्मक क्षेत्रों में भ्रम फैला सकती है। आपको ऐसा लग सकता है कि आपके रिश्तों में कोई दूरी या गलतफहमी पनप रही है, खासकर प्रेम संबंधों या संतान के साथ संबंध में। यदि कोई कानूनी मामला चल रहा है या कोई संवेदनशील निर्णय लेने की घड़ी है, तो राहु का प्रभाव उसे और उलझा सकता है। आप स्वयं को अत्यधिक संवेदनशील और मानसिक रूप से थका हुआ अनुभव करेंगे। कई बार निर्णय लेने की स्थिति में मन द्वंद्व से ग्रसित हो सकता है। इस समय आपके लिए ज़रूरी है कि आप कुछ समय रचनात्मक कार्यों — जैसे संगीत, लेखन या चित्रकला — में लगाएँ। यह आपके मन को स्थिरता और चैन देगा।

कुंभ राशि – आत्मचिंतन और निर्णयों की गहराई में डूबने का समय

और अंत में, सबसे गहरा प्रभाव उन्हीं जातकों पर पड़ेगा जिनकी राशि कुंभ है — क्योंकि ग्रहण योग ठीक आपकी राशि में बन रहा है। राहु और चंद्रमा की युति आपकी संपूर्ण मानसिक ऊर्जा को झकझोर सकती है। यह समय आपको भीतर से अस्थिर बना सकता है — आत्मविश्वास कमजोर होगा, सामाजिक जीवन में एक दूरी और अजीब अव्यवस्था महसूस होगी। आप निर्णय लेने में अक्षमता, नींद की कमी, और मन के अंदर अनचाहे डरों और कल्पनाओं से घिरे रह सकते हैं। कुछ जातकों को आर्थिक अनिश्चितता या अचानक खर्चों का सामना करना पड़ सकता है। आपको यह लग सकता है कि जैसे जीवन अपनी दिशा से भटक गया है। इस समय में आपके लिए सबसे महत्वपूर्ण है — आध्यात्मिक वापसी। शिवलिंग पर जल अर्पण करें, ध्यान और प्राणायाम से मन को नियंत्रित करें, और यह समझें कि यह समय बीतेगा — परंतु यह आपको आत्मगौरव और अंतर्मंथन की नई गहराइयाँ दे सकता है।