दीपक से बदल सकती है आपकी किस्मत: जानिए सही दिशा और विधि

भारतीय संस्कृति में दीपक का केवल धार्मिक नहीं, आध्यात्मिक और वैज्ञानिक महत्व भी है। पूजा-पाठ, त्यौहार या कोई भी मांगलिक कार्य हो — दीपक जलाना शुभ और अनिवार्य माना गया है। लेकिन क्या आप जानते हैं कि दीपक को किस दिशा में और किस प्रकार जलाना चाहिए यह भी उतना ही आवश्यक है जितना उसकी लौ का जलना?
इस लेख में जानिए दीपक की सही दिशा, प्रभाव, और देवताओं के अनुसार दीपक जलाने की विधि, जिससे आपकी मनोकामनाएं पूरी हो सकती हैं।
भारतीय परंपरा में दीपक का महत्व
भारतीय संस्कृति की आत्मा उसके प्रतीकों में छिपी होती है। दीपक मात्र एक प्रकाश स्रोत नहीं, बल्कि यह ज्ञान का प्रतीक, दरिद्रता का नाशक, और आध्यात्मिक उन्नति का मार्गदर्शक है।
"दीपज्योति परब्रह्म दीपज्योति जनार्दनः।
दीपो हरतु मे पापं संध्यादीपं नमोऽस्तुते॥"
इस मंत्र का उच्चारण कर दीपक जलाने से अंधकार से प्रकाश की ओर यात्रा का प्रारंभ होता है।
दीपक की दिशा का प्रभाव: शुभ और अशुभ दोनों संभव
वास्तु शास्त्र के अनुसार दीपक की लौ की दिशा आपकी आयु, धन, सुख और संकटों को प्रभावित कर सकती है।
दिशा | प्रभाव |
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पूर्व | आयु में वृद्धि |
उत्तर | धन की प्राप्ति |
पश्चिम | दुःख में वृद्धि |
दक्षिण | हानि, दुर्घटना या संकट |
नोट: पूजा के समय दीपक की लौ पूर्व या उत्तर दिशा की ओर रखनी चाहिए।
किस देवता के सामने कौन सा दीपक जलाएं?
1. भगवान कृष्ण
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मनोकामना: सच्चा प्रेम या मनचाहा जीवनसाथी
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दीपक: घी का दीपक
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दिशा: पूर्व
2. भगवान सूर्य
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मनोकामना: रोगों से मुक्ति
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दीपक: सरसों के तेल का दीपक
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दिशा: पूर्व (सूर्य चित्र या मूर्ति के आगे)
3. भगवान कुबेर
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मनोकामना: रुका हुआ धन प्राप्त करना
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दीपक: शुद्ध घी का दीपक
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दिशा: उत्तर दिशा में कुबेर की मूर्ति स्थापित करें
4. मां सरस्वती
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मनोकामना: परीक्षा में सफलता, ज्ञान की प्राप्ति
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दीपक: घी का दीपक, शांत लौ के साथ
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स्थान: अध्ययन कक्ष में
5. भगवान गणेश
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मनोकामना: व्यापार में सफलता
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दीपक: घी का दीपक या दो बत्तियों वाला दीपक
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स्थान: दुकान या ऑफिस के पूजा स्थान पर
6. श्रीराम दरबार
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मनोकामना: पारिवारिक सुख-शांति
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दीपक: प्रतिदिन का नियमित दीपक, घी से
7. भगवान हनुमान (पंचमुखी रूप)
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मनोकामना: बुरे सपनों और भय से मुक्ति
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दीपक: चमेली के तेल का तीन कोनों वाला दीपक
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समय: रात को सोने से पहले
8. भगवान शिव
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मनोकामना: पारिवारिक झगड़े से मुक्ति
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दीपक: सरसों के तेल का दीपक, सोमवार को विशेष
दीपक के प्रकार और उनका महत्व
दीपक का प्रकार | प्रयोग / लाभ |
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मिट्टी का दीपक | सबसे शुभ और सात्विक |
चाँदी का दीपक | मानसिक शांति |
तांबे / पीतल का दीपक | ऊर्जा और स्वास्थ्य |
आटे से बना दीपक | विशेष तंत्र-साधना में उपयोगी |
मुखों की संख्या अनुसार दीपक के उपयोग:
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1 मुखी – सामान्य पूजा के लिए
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3 मुखी – हनुमान जी के लिए
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5 मुखी – केस, मुकदमा जीतने के लिए
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7 मुखी – लक्ष्मी पूजन
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8/12 मुखी – शिव पूजन
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16 मुखी – विष्णु पूजन
विशेष उपाय: दीपक से कष्टों से मुक्ति कैसे पाए
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घर की आर्थिक स्थिति खराब हो – शुद्ध घी का दीपक रोज देवालय में जलाएं
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शत्रु परेशान कर रहे हों – भैरव जी के आगे सरसों के तेल का दीपक
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शनि पीड़ा हो – तिल के तेल का दीपक शनिवार को
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पति की लंबी आयु के लिए – महुए के तेल का दीपक
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राहु-केतु शांत करने हेतु – अलसी के तेल का दीपक
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गणेश कृपा हेतु – तीन बातियों वाला घी का दीपक
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हनुमान जी की कृपा के लिए – चार मुखी दीपक, चमेली का तेल
निष्कर्ष: दीपक है शक्ति, शुद्धि और सिद्धि का प्रतीक
दीपक जलाना एक कर्म नहीं, एक आध्यात्मिक प्रक्रिया है। सही दिशा, सही विधि और सही भाव से जलाया गया दीपक आपकी:
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आयु बढ़ा सकता है
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धन की वृद्धि कर सकता है
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रोग, शोक और शत्रु से मुक्ति दिला सकता है
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आपके जीवन में शांति और संतुलन ला सकता है
तो अगली बार जब भी दीपक जलाएं, केवल लौ न देखें — उस लौ में अपना उज्ज्वल भविष्य देखें।