सूरजमुखी के फायदे और नुकसान

सूरजमुखी के बीज विटामिन ई में समृद्ध होते हैं। ये बीज एंटीऑक्सिडेंट हैं जो मानव शरीर के भीतर मुक्त कणों को फैलने से रोकते हैं। ये मुक्त कण सेलुलर नुकसान और रोगों को बढ़ावा दे सकते हैं। सूरजमुखी के बीज विटामिन ई का प्राकृतिक स्रोत होते हैं। सूरजमुखी के बीज हृदय रोगों और मधुमेहके जोखिम को कम करने में भी मदद करते हैं। साथ ही यह कोलेस्ट्रॉल को खून की धमनियों में जमने से रोक कर हार्ट अटैकऔर स्ट्रोक का खतराटालता है। सूरजमुखी के बीज में उच्च मात्रा में बीटाइन होता है जो प्रभावी रूप से हाई ब्लड प्रेशरजैसे हृदय रोगों से बचाता है। इसके अलावा इन बीजों में आर्गिनिन की उपस्थिति स्वस्थ हृदय के लिए भी जिम्मेदार है। एक चौथाई कप सूरजमुखी के बीज 90 प्रतिशत तक का दैनिक विटामिन ई प्रदान करते हैं।
सूरजमुखी बीज के फायदे पाचन समस्याओं के लिए
सूरजमुखी के बीज में बड़ी मात्रा में आहार फाइबर है। यदि आपका शरीर में इसकी कमी है तो आपको कब्ज, बवासीर, पेट के कैंसरऔर कई अन्य स्वास्थ्य समस्याओं का अनुभव हो सकता है। गंभीर पाचन समस्याएं आपकी आंतों में विषाक्तता को भी बढ़ा सकती है। एक वयस्क के लिए प्रति दिन लगभग 30 ग्राम फाइबर की मात्रा ज़रूरी होती है। हालांकि, सर्वेक्षण में यह उल्लेख किया गया है कि ज्यादातर लोग प्रति दिन 15 ग्राम फाइबर का सेवन करने में भी विफल रहते हैं। अपने आहार में सूरजमुखी के बीजों को शामिल करके, आप आसानी से आहार फाइबर की आपूर्ति और पाचन संबंधी समस्याओं की संभावना भी कम कर सकते हैं। बवासीर के इलाजमें इसके बीजों के चूर्ण को 3 से 6 ग्राम की मात्रा में शक्कर मिलाकर लिया जाता है।इसके अलावा कब्ज़ और अपचके लिए सूरजमुखी के तेल की कुछ बूँदें दूधमें डाल कर सेवन करें।
सूरजमुखी के बीज बढ़ाएँ ऊर्जा का स्तर
अधिकांश एथलीट्स सूरजमुखी के बीज खाते हैं, क्योंकि इन बीजों में प्रोटीनऔर कार्बोहाइड्रेट की मात्रा अधिक होती है। ये बीज रक्त के प्रवाह में लिवर के ग्लाइकोजन का निर्वहन (Discharge) करते हैं। इसकेपत्तों का लेप लिवर और फेफड़ों की सूजन में प्रयोग किया जाता है।
सूरजमुखी के बीज के गुण हैं हड्डियों और मांसपेशियों के लिए
सूरजमुखी के बीज में मौजूद आयरन आपकी मांसपेशियों को ऑक्सीजन भेजता है, जबकि ज़िंक आपकी प्रतिरक्षा प्रणाली को मजबूत करके आपको खांसीऔर ठंड से बचने में मदद करता है। इसमें मैग्नीशियम की भी अधिक मात्रा होती है, जिससे हड्डियों में मजबूती आती है। इसके साथ ही यह हड्डियों के जोड़ों में लचीलापन तथा मजबूती लाता है। मानव शरीर में लगभग 2/3 मैग्नीशियम हड्डियों में संग्रहित होता है। मैग्नीशियम हड्डियों की शारीरिक संरचना और ताकत में सहायता करता है, जबकि शेष मैग्नीशियम हड्डियों की सतह पर पाया जाता है, जो शरीर द्वारा आवश्यकतानुसार उपयोग किया जाता है।
सूरजमुखी के बीज का उपयोग करे मस्तिष्क को शांत
यह कई अध्ययनों में साबित हुआ है कि सूरजमुखी के बीजों में में मौजूद ट्रिप्टोफैन की उच्च सामग्री के कारण इसका आपके मस्तिष्क पर एक शांत प्रभाव पड़ता है और यह आपके मूड को ठीक करने में भी मदद करता है। जब आप ट्रिप्टोफैन वाले भोजन का सेवन करते हैं तो यह आपके मस्तिष्क के सेरोटोनिन के निर्माण को बढ़ाता है, जो एक न्यूरोट्रांसमीटर है। सेरोटोनिन भी प्रभावी ढंग से तनावको कम करता है। इन बीजों में मौजूद कोलाइन मेमोरी और दृष्टि कार्यों में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। इसमें मौजूद मैग्नीशियम दिमाग की नसों को शांत करता है तथा स्ट्रेस और माइग्रेनसे छुटकारा दिलाता है।सूरजमुखी के पत्तों का रस और बीजों का लेप माथे पर माइग्रेन को दूर करने के लिए किया जाता है।
सूरजमुखी के बीज के फायदे हैं गर्भावस्था में उपयोगी
सूरजमुखी के बीज में मौजूद फोलेट सामग्री को फोलेट एसिड के रूप में जाना जाता है जो कि विटामिन बी का एक प्रकार है। फोलेट गर्भावस्था के लिए बहुत अच्छा है, क्योंकि यह शरीर में नए कोशिकाओं के उत्पादन में मदद करता है। इससे डीएनए और आरएनए की प्रतिकृति (Replication) को बढ़ावा मिलता है जो भ्रूण के विकास के लिए बहुत महत्वपूर्ण है। यह लाल रक्त कोशिकाओं में हीमोग्लोबिन बनाने के लिए विटामिन बी -12 के सहयोग से काम करता है।
सूरजमुखी के तेल के फायदे
जब भी हम फ्राइंग या खाना पकाने पर चर्चा करते हैं तो सूरजमुखी तेल के बारे में शायद सबसे अधिक सुना जाता है। यह सूरजमुखी के बीज से उत्पन्न एक गैर-वाष्पशील तेल है। सूरजमुखी तेल का सबसे अधिक उपयोग फ्राइंग तेल के रूप में होता है साथ ही कॉस्मेटिक जैसे लिप बाम और त्वचा क्रीम में सुखदायक एजेंट के रूप में होता है। फ्राइड फूड्स लेने के बाद भी सूरजमुखी तेल आपके स्वास्थ्य को स्वस्थ रखने का सबसे अच्छा विकल्प है।
सूरजमुखी के तेल के स्वास्थ्य लाभ सूरजमुखी के बीज के समान हैं, क्योंकि सूरजमुखी का तेल बीजों से ही तैयार किया जाता है। सूरजमुखी तेल में मौजूद मोनोअनस्यूटेटेड और पॉलीअनसैचुरेटेड वसा ऊर्जा प्रदान करते हैं और हृदय रोगों के जोखिम को भी कम करते हैं। बीज की तरह सूरजमुखी के तेल में भी कोलीन और फीनॉलिक एसिड होता है जो हृदय रोगों को रोकता है।
सूरजमुखी तेल के फायदे हैं त्वचा के लिए
त्वचा की देखभाल में सूरजमुखी का तेल भी एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। सूरजमुखी के तेल में फैटी एसिड होता है जो कि त्वचा को बैक्टीरिया से बचा कर मुहाँसे होने से रोकता है। यह भी माना जाता है कि सूरजमुखी तेल क्जिमामें भी लाभदायक होता है। सूरजमुखी का तेल त्वचा की नमी बनाए रखने के लिए अच्छी तरह से बैक्टीरिया के खिलाफ की रक्षा में मदद करता है।
सूरजमुखी के तेल का उपयोग बनाएँ बालों को मजबूत
त्वचा की तरह, सूरजमुखी का तेल अच्छी तरह से आपके बालों पर मॉइस्चराइजिंग प्रभाव छोड़ता है। आवश्यक फैटी एसिड के साथ पोषक तत्वों और एंटीऑक्सिडेंट आपके बालों के लिए बेहद लाभकारी होते हैं। यह बहुमुखी तेल आपके बालों की चमक और बनावट को बनाए रखता है और इसे प्राकृतिक कंडीशनर के रूप में इस्तेमाल किया जा सकता है। सूरजमुखी के तेल को सप्ताह में एक बार स्नान करने से पहले सिर पर मालिश के रूप में उपयोग किया जा सकता है। यह बालों को पोषण देता है और उनको टूटने से रोकता है।
सनफ्लावर तेल के फायदे दिलाएँ अस्थमा से राहत
सूरजमुखी के तेल में किसी अन्य खाना पकाने के तेल की तुलना में अधिक विटामिन ई होता है। इसलिए आप अपने आहार में इस तेल को शामिलकर के अस्थमाजैसी बीमारी से बचा जा सकता है।
सूरजमुखी तेल के गुण करें कोलेस्ट्रॉल को कम
सूरजमुखी तेल में मोनोअनसैचुरेटेड और पॉलीअनसैचुरेटेड फैट्स होते हैं, जो कि एक अच्छे फैट माने जाते हैं। यह खराब कोलेस्ट्रॉल के स्तर को कम करते हैं।सूरजमुखी के बीज को पीसें औरइसे नियमित रूप से रोगी को दें।यह कोलेस्ट्रॉल का स्तर कम करता है।
सूरजमुखी में बहुत से औषधीय गुण मौजूद हैं।
- इसके बीजों का दस ग्राम की मात्रा तक सेवन करने से जहर उतर जाता है।
- इसके फूल कामोद्दीपक, पौष्टिक होते हैं और सूजन को दूर करने के लिए उपयोग किए जाते हैं।
- घेंघा (Goiter) रोग में इसके पत्ते और लहसुन को पीस कर बाहरी रूप से लगाया जाता है।
- यदि कान में कोई कीड़ा घुस जाए तो सूरजमुखी के तेल में लहसुन की कुछ कलियाँ डाल कर गर्म करें। जब यह तेल ठंडा हो जाएं, तो कान में इसकी कुछ बूँदें डाल लें।
- सूरजमुखी की पत्तियों का काढ़ा बनाकर पीने से शरीर की कमजोरी दूर होती है। सूरजमुखी की 5-6 पत्तियां लेकर एक कप पानी में उबालें। जब पानी आधा कप रह जाए तो इसे छान लें और इसका सेवन करें।
- मलेरिया के बुखारमें आधा कप पत्तों को दो कप पानी में उबालें। इसे छान कर दिन में कई बार पिएं। इसके पत्तों का रस शरीर पर बाहरी रूप से लगाया जा सकता है।
- बिच्छू के काटने पर सूरजमुखी के पत्तों को पीस कर प्रभावित स्थान पर लगाना और पत्तों की कुछ बूँदें नाक में टपकानी चाहिए।
- फोड़े में सूजन के मामले में इसकी पत्तियां को बाँधना चाहिए। इससे सूजन कम हो जाती है।
- इसके पत्तों का काढ़ा बनाओ और गंभीर और संक्रामक अल्सर में इसका सेवन करें। यह सूजन को कम करके इसका इलाज करता है।
- कान के दर्द के मामले में लुगदी और सूरजमुखी के रस के साथ औषधीय तेल तैयार करें। कान में इस तेल की कुछ बूंदें डालें। कान का दर्द ठीक करने के लिए आप इसके पत्तों के रस का भी उपयोग कर सकते हैं।
सूरजमुखी के नुकसान
- बाज़ार में मिलने वाले नमकीन सूरजमुखी के बीज खाने से शरीर में ज़रूरत से ज्यादा नमक का सेवन हो सकता है।
- कुछ लोगों को सूरजमुखी परिवार के पौधों से एलर्जी होती है इसलिए वे इसका इस्तेमाल सावधानी से करें।
- इसके पुराने बीजों का सेवन पेट में जलन, गैस, दस्त का कारणबन सकता है।
- बहुत अधिक मात्रा में इसका सेवन नुकसान कर सकता है। यह वज़न और कोलेस्ट्रोल के स्तर को बढ़ा सकता है।
- अगर आप इनका अधिक मात्रा में सेवन करते हैं तो शरीर में ज़रूरत से अधिक सेलेनियम, फॉस्फोरस आदि लाभ की बजाए नुकसान अधिक करता है।