क्या विवाह के बाद भी संतान सुख में देरी हो रही है?
क्या बार-बार प्रयास के बावजूद सफलता नहीं मिल पा रही या मन में चिंता बनी रहती है?
या आप जानना चाहते हैं कि संतान कब होगी, कितनी होंगी और संतान सुख कैसा रहेगा?
इस विशेष संतान योग रिपोर्ट में पति एवं पत्नी दोनों की जन्म-कुंडली का तुलनात्मक वैदिक ज्योतिषीय विश्लेषण कर आपको स्पष्ट, व्यावहारिक और समाधान-उन्मुख मार्गदर्शन प्रदान किया जाएगा।
पति एवं पत्नी दोनों की कुंडली में संतान योग है या नहीं
संतान योग प्रबल, मध्यम या विलंबकारी है
दोनों कुंडलियों का आपसी सामंजस्य (Compatibility)
दशा–महादशा एवं ग्रह गोचर के आधार पर
संतान प्राप्ति का सबसे शुभ समय
प्रयास प्रारंभ करने के लिए अनुकूल काल
संतान में देरी या रुकावट के ज्योतिषीय कारण
पंचम भाव, पंचमेश, गुरु एवं चंद्रमा का प्रभाव
शनि, राहु-केतु या दोषों के कारण बाधाएँ
संतान की बुद्धि, स्वास्थ्य एवं संस्कार
पुत्र/पुत्री योग के संकेत (संभावना के रूप में)
संतान से मिलने वाला सुख और सहयोग
संतान सुख प्राप्ति हेतु
सरल एवं सिद्ध ज्योतिषीय उपाय
मंत्र जाप, दान, व्रत एवं ग्रह शांति
मानसिक शांति एवं सकारात्मकता बढ़ाने के उपाय
पति-पत्नी में से किसे रत्न धारण करना चाहिए
कौन-सा रत्न संतान योग को मजबूत करेगा
(जैसे – पुखराज, मोती, मूंगा आदि)
धारण विधि, शुभ दिन एवं सावधानियाँ
संतान सुख एवं पारिवारिक शांति हेतु
उपयुक्त रुद्राक्ष (जैसे – 5 मुखी, 7 मुखी, 9 मुखी आदि)
धारण विधि एवं मंत्र
संतान प्राप्ति हेतु
संतान गोपाल पूजा, शिव-पार्वती पूजन, नवग्रह शांति
घर पर करने योग्य सरल पूजा विधि
रिपोर्ट पूरी तरह व्यक्तिगत (Personalized) होगी
पति-पत्नी दोनों की जानकारी के आधार पर PDF फॉर्मेट में तैयार की जाएगी
रिपोर्ट आपको ई-मेल / व्हाट्सएप पर भेजी जाएगी
रिपोर्ट तैयार करने हेतु निम्न जानकारी आवश्यक है:
पति की जानकारी
पत्नी की जानकारी
(वैकल्पिक) विवाह की तिथि / पूर्व प्रयासों की जानकारी
यह रिपोर्ट वैदिक ज्योतिष पर आधारित है। इसका उद्देश्य दिशा-निर्देशन, मानसिक संतुलन और सकारात्मक प्रयास में सहायता करना है।
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