अंगारक दोष की शांति :
सम्पूर्ण विश्व में भारत देश के अंर्तगत मध्यप्रदेश के उज्जैन शहर में एक मात्र मंग्रल ग्रह का मंदिर है, जहॉं ब्रम्हाण्ड से मंगल ग्रह की सीधी किरणे कर्क रेखा पर स्थित स्वयंभू शिवलिंग के उपर पढती है, जिससे यह शिवलिंग मंगल ग्रह के प्रतीक स्वरूप में जाना जाता है तथा यहॉ पर पूजन, अभिषेक, जाप व दर्शन से मंगलदोष का निवारण होता है।
अंगारक दोष निवारण पूजन द्वारा एक मात्र अवंतिका ( उज्जैन ) में ही सम्पन्न कराया जाता है। यहॉ विधिवत् भात पूजन कराने से मंगल ग्रह और रहू केतु के दुष्प्रभाव में कमी आकर शुभ फलो की वृद्धि होती है। यहां शिवलिंग का भात पूजन कर मंगल शांति एवं अंगारक दोष का निवारण जाती है। यही नहीं भगवान का कुमकुम और गुलाब या लाल पुष्पों से अभिषेक भी किया जाता है। व्यक्ति को इस शांति के बाद नौकरी और विवाह के साथ अन्य परेशानियां जेसे के गुस्सा चिड़ चिड़ा पन नहीं होता है।
अंगारक दोष के प्रभाव :
इस दोष के प्रभाव में जातक क्रोधी बन जाता है और उसे बात-बात पर गुस्सा आने लगता है। इस पूजन के माध्यम से जातक का स्वभाव शांत बनता है और वो अपने कार्यों को आराम से पूर्ण कर पाता है।
इस दोष से पीडित जातक अपने निर्णय नहीं ले पाते हैं। अंगारक योग के कारण क्रोध, अग्निभय, दुर्घटना, रक्त से संबंधित रोग और स्किन की समस्याएं मुख्य रूप से होती हैं।
आप महा पूजन भी करवा सकते है। उसका शुल्क ₹ 11000 रहेगा।
नियम एवं शर्तें :
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