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महामृत्‍युंजय जाप - 11000 जप
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महामृत्‍युंजय जाप :

महामृत्युंजय मंत्र भगवान शिव को प्रसन्न करने वाला खास मंत्र है। ये मंत्र ऋग्वेद और यजुर्वेद में भगवान शिव की स्तुती में लिखा है। रुद्राक्ष की माला से इस मंत्र का जप करना चाहिए। जिससे हर तरह की परेशानी और रोग खत्म हो जाते हैं। वहीं अकाल मृत्यु (असमय मौत) का डर भी दूर होता है। शिवपुराण के अनुसार, इस मंत्र के जप से मनुष्य की सभी बाधाएं और परेशानियां खत्म हो जाती हैं।

महामृत्युंजय मंत्र से होता है दोषों का नाश :
महामृत्युंजय मंत्र का जप करने से मांगलिक दोष, नाड़ी दोष, कालसर्प दोष, भूत-प्रेत दोष, रोग, दुःस्वप्न, गर्भनाश, संतानबाधा कई दोषों का नाश होता है।

महामृत्युजंय मंत्र का जप करने से मिलता है शुभ फल :
1. दीर्घायु (लम्बी उम्र) -
जिस भी मनुष्य को लंबी उम्र पाने की इच्छा हो, उसे नियमित रूप से महामृत्युजंय मंत्र का जप करना चाहिए। इस मंत्र के प्रभाव से मनुष्य का अकाल मृत्यु का भय खत्म हो जाता है। यह मंत्र भगवान शिव को बहुत प्रिय है, इसका का जप करने वाले को लंबी उम्र मिलती है।
2. आरोग्य प्राप्ति -
यह मंत्र मनुष्य न सिर्फ निर्भय बनता है बल्कि उसकी बीमारियों का भी नाश करता है। भगवान शिव को मृत्यु का देवता भी कहा जाता है। इस मंत्र के जप से रोगों का नाश होता है और मनुष्य निरोगी बनता है।
3. सम्पत्ति की प्राप्ति -
जिस भी व्यक्ति को धन-सम्पत्ति पाने की इच्छा हो, उसे महामृत्युंजय मंत्र का पाठ करना चाहिए। इस मंत्र के पाठ से भगवान शिव हमेशा प्रसन्न रहते हैं और मनुष्य को कभी धन-धान्य की कमी नहीं होती है।
4. यश (सम्मान) की प्राप्ति -
इस मंत्र का जप करने से मनुष्य को समाज में उच्च स्थान प्राप्त होता है। सम्मान की चाह रखने वाले मनुष्य को प्रतिदिन महामृत्युजंय मंत्र का जप करना चाहिए।
5. संतान की प्राप्ति -
महामृत्युजंय मंत्र का जप करने से भगवान शिव की कृपा हमेशा बनी रहती है और हर मनोकामना पूरी होती है। इस मंत्र का रोज जाप करने पर संतान की प्राप्ति होती है।

महामृत्‍युंजय जाप के लाभ :

  • महामृत्‍युंजय मंत्र के जप और पूजन से शोक, मृत्‍यु, भय, रोग और दोष का प्रभाव कम एवं पापों का नाश होता है।
  • महामृत्‍युंजय मंत्र का जाप करवाना हर व्‍यक्‍ति को केवल लाभ ही पहुंचाता है।
  • ऐसा जरूरी नहीं है कि महामृत्‍युंजय मंत्र के जाप एवं पूजन से रोगी का रोग ठीक हो जाता है।
  • ऐसा भी संभव है कि महामृत्‍युंजय मंत्र के जप एवं पूजन के बाद रोगी की मृत्‍यु हो जाए और उसे अपने रोगी शरीर से मुक्‍ति मिल जाए।

नियम एवं शर्तें :

  1. पूजा हेतु दिनांक आपसी सहमति से निश्चित की जाएगी.
  2. पूजा हेतु जो भी सामग्री लगेगी वो हमारे द्वारा ही उपलब्ध करा दी जाएगी उसकी राशि इसमें सम्मिलित है.
  3. पूजा उज्जैन (मध्य प्रदेश) में होगी.
  4. पूजा हेतु उज्जैन (मध्य प्रदेश) में आने-जाने, आपके ठहरने एवं खाने-पीने का खर्च इसमें शामिल नहीं है.
  5. आप स्वयं नहीं आकर अपना नाम एवं गोत्र देकर पूजा करवाना चाहे तो वो भी संभव है.
  6. आपकी अनुपस्थिति में होने वाली पूजा का प्रसाद एवं अन्य सामग्री आपके दिए गए पते पर आपको भेज दी जायेगी.
  7. डिलीवरी 5-7 कार्य दिवसों में होगी.

 

 

 

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