लहसुनिया :
लहसुनिया दानव ग्रह केतू का प्रतिनिधित्व करता है। लहसुनिया धारण करने से राहू, केतू, शनि तीनों ग्रहों की दशाओं में यह रत्न प्रभावी है। ग्रह दशा शांत होती है, यह मानसिक परेशानी, शारीरिक कमजोरी, दुःख-दर्द, दरिद्रता से छुटकारा दिलाता है व रात्रि मं भयानक स्वप्न भी नहीं आते। इससे बल, बुद्धि, तेज, पराक्रम, सम्पत्ति, आनन्द, पुत्र की प्राप्ति का योग बनता है।
धारण विधि –
लहसुनिया रत्न बुधवार के दिन अश्विनी, मघा, मूल नक्षत्रों में, रविपुष्य योग में पंचधातु की अंगूठी में कनिष्ठा अंगुली में धारण करें. धारण करने से पूर्व केतु के बीज मंत्र द्वारा अंगूठी अभिमंत्रित करें.
केतु का बीज मंत्र –
ॐ स्त्रां स्त्रीं स्त्रों सः केतवे नमः
नियम एवं शर्तें -
1- लहसुनिया लैब द्वारा प्रमाणित रहेगा.
2- सम्पूर्ण भारत में डिलीवरी फ्री रहेगी.
3- डिलीवरी 5-7 कार्य दिवसों में होगी.