पूर्वाषाढ़ा नक्षत्र ज्योतिष रहस्य
आज की हमारी चर्चा पूर्वाषाढ़ा नक्षत्र पर केंद्रित है। यह आकाश मण्डल में मौजूद बीसवां नक्षत्र है जो २५३.२० डिग्री से लेकर २६६.४० डिग्री तक गति करता है। इस नक्षत्र को जलमया तो यम भी कहा जाता है। पूर्वाषाढ़ा नक्षत्र के स्वामी शुक्र, नक्षत्र देवता जल और राशि स्वामी गुरु हैं। यदि आपके कोई सवाल हैं अथवा आप हमें कोई सुझाव देना चाहते हैं तो आप हमारी वेबसाइट पर विज़िट कर सकते है। आपके प्रश्नों के यथा संभव समाधान के लिए हम वचन बद्धहंं।
पूर्वाषाढ़ा नक्षत्र वैदिक ज्योतिष में
पूर्वाषाढ़ा नक्षत्र आकाश मण्डल में मौजूद चार तारों से बनी हुई आकृति है। जिसका प्रतीक बाल्टी अथवा हाथी दांत है। इस नक्षत्र के स्वामी शुक्रदेव हैं और यह नक्षत्र धनु राशि में १३.२० डिग्री से २६.४० डिग्री तक गति करता है। इस नक्षत्र के देवता जल हैं। पूर्वाषाढ़ा नक्षत्र के जातकों के जीवन पर शुक्र व्का प्रत्यक्ष प्रभाव देखा जा सकता है।
नक्षत्र स्वामी : शुक्रदेव
नक्षत्र देव : जलदेवता
राशि स्वामी : गुरुदेव
पुरुषार्थ : मोक्ष
विंशोत्तरी दशा स्वामी : शुक्रदेव
चरण अक्षर : भू , ध, फ , ढ
वर्ण : ब्राह्मण
गण : मानव
योनि : वानर ( Male Monkey )
नाड़ी : मध्य
पक्षी : तीतर
तत्व : वायु
प्रथम चरण : सूर्य
द्वितीय चरण : बुद्ध
तृतीय चरण : शुक्र
चतुर्थ चरण : मंगल
वृक्ष : बैंतया जल वेतया सीता अशोक
बीज मंत्र : ॐबं
पूर्वाषाढ़ा नक्षत्र जातक की कुछ विशेषताएं व्जीवन
पूर्वाषाढ़ा नक्षत्र के जातक संवेदनशील, कोमल ह्रदय के स्वामी और दूसरों की सहायता करने वाले होते हैं। यधपि आप बहुत तर्क संगत होते हैं, बात भी तर्क युक्त करते हैं। परन्तु वानर योनि दर्शाती है की आप में चंचलता भी अवश्य होती है। कभीकभी चंचलता वश निर्णय लेते हैं जिस का खामियाजा आप को बाद में भुगतना पड़ता है। क्यूंकि आप अपने साथ के लोगों की सहायता के लिए तैयार रहते हैं इस वजह से पसंद भी खूब किये जाते हैं। आपको अपने निर्णय में किसी का हस्तक्षेप पसंद ही नहीं है। आप अपने निर्णय से पीछे नहीं हटते। कभी कभी तो ऐसा भी होता है की आप पहले ही जानते हैं की अमुक कार्य से आपको नुक्सान हो सकता है फिर भी आप वो करते हैं। शुक्र व्गुरु दोनों ही मार्गदर्शक हैं। यदि आपको सही मार्गदर्शन प्राप्त हो अथवा शुक्र व्गुरु की स्थिति जन्म पत्री में सही तो आपको हराना करीब करीब असंभव ही है।
पूर्वाषाढ़ा नक्षत्र के जातक/ जातिका की मैरिड लाइफ
आपका स्वभाव सात्विक होता है और आप अपने आसपास के लोगों का ध्यान भी रखते हैं। आपकी मैरिड लाइफ अच्छी होती है। आपको जीवन साथी का सुख और बच्चों का स्नेह प्राप्त होता है।
पूर्वाषाढ़ा नक्षत्र जातक का स्वास्थ्य
पूर्वाषाढ़ा नक्षत्र के जातकों को अपने स्वास्थ्य पर विशेष ध्यान देने की आवश्यकता होती है। इन्हें कमर और कुल्हे का दर्द, टीबी, मधुमेह रक्त विकार, कैंसर और यूट्रेस सम्बन्धी बीमारी होने की संभावना अक्सर रहती है। रोजाना बीज मन्त्र का १०८ बार उच्चारण करें आप की रोग प्रतिकारक क्षमता में वृद्धि होती है, मानसिक तनाव दूर होता है, सफलता मिलने में सहायता प्राप्त होती है। नक्षत्र से सम्बंधित पेड़ से निर्मित औषधि रोगों को दूर करने में बहुत अधिक सहायक होती है।
पूर्वाषाढ़ा नक्षत्र जातक शिक्षा व्व्यवसाय
इस नक्षत्र के जातक नौकरी भी कर सकते हैं और व्यापार भी यदि आपके अंडर काम करने वाले कर्मचारियों का चुनाव ठीक से किया जाए अथवा आपको अधीनस्थ कर्मचारी ठीक मिलें तो निसंदेह तरक्की के नए सो पान छूते हैं। आप मेडिकल प्रोफेशन, कला, दर्शन शास्त्र, विज्ञान के क्षेत्र में जा सकते हैं और बेहतरीन लेखक हो सकते हैं।