तिंदुक के हैं अनेक अनसुने फायदे

तिंदुक के हैं अनेक अनसुने फायदे

अभी तक तेंदू के प्रकृति के बारे में बात कर रहे थे अब तेंदू के औषधीय गुणों और फायदों के बात करेंगे कि कैसे ये बीमारियों के उपचार के लिए इस्तेमाल किया जाता है।

आँख संबंधी रोगों में फायदेमंद तेंदू
आँख संबंधी बीमारियों में बहुत कुछ आता है, जैसे- सामान्य आँख में दर्द, रतौंधी, आँख लाल होना आदि। इन सब तरह के समस्याओं में तेंदू (Indian Persimmon fruit) से बना घरेलू नुस्ख़ा बहुत काम आता है। फल के रस का अंजन यानि काजल की तरह लगाने से आँख संबंधी रोगों में फायदा मिलता है।

कान के दर्द से दिलाये राहत केंदू
अगर सर्दी-खांसी या किसी बीमारी के साइड इफेक्ट के तौर पर कान में दर्द होता है तो तेंदू से इस तरह से इलाज करने पर आराम मिलता है। तिंदुक, हरीतकी, लोध्र, मंजिष्ठा तथा आँवला के 1-3 ग्राम चूर्ण में मधु एवं कपित्थ रस मिलाकर छानकर 1-2 बूंद कान में डालने से कान दर्द में लाभ होता है।

मुँह के छाले में फायदेमंद तेंदू
अगर बार-बार मुँह में छाले हो रहे हैं तो तेंदू का घरेलू इलाज बहुत ही फायदेमंद साबित होगा। तेंदू फल के जूस का गरारा करने से मुँह के छाले तथा गले का घाव भी जल्दी भरते हैं। इसके अलावा फलों का काढ़ा बनाकर गरारा करने से मुंह के छालों दूर होते हैं।

खाँसी में फायदेमंद तेंदू
अगर मौसम के बदलाव के कारण खांसी से परेशान है और कम होने का नाम ही नहीं ले रहा है तो तेंदू से इसका इलाज किया जा सकता है। तिन्दुक छाल की गोलियां बनाकर चूसने से खाँसी से राहत मिल सकती है।

मूत्र मार्ग में अश्मरी या पथरी में तिंदुक या केंदू के फायदे
तेंदू के औषधीय गुण मूत्र मार्ग से पथरी निकालने में फायदेमंद होते हैं। तिंदुक के पके हुए फल को खाने से मूत्रमार्ग की पथरी टूट-टूट कर निकल जाती है।

ल्यूकोरिया रोकने में फायदेमंद तेंदू
महिलाओं को अक्सर योनि से सफेद पानी निकलने की समस्या होती है। सफेद पानी का स्राव अत्यधिक होने पर कमजोरी भी हो जाती है। इससे राहत पाने में तेंदू का इस्तेमाल फायदेमंद होता है। तेंदू के फल के रस (Tendu fruit juice) में जल मिलाकर योनि का प्रक्षालन (धोने) करने से श्वेत प्रदर (सफेद पानी) में लाभ होता है या तिन्दुक फलों का काढ़ा बनाकर योनि का प्रक्षालन करने से योनिस्राव कम होता है।

अर्दित या लकवा में तेंदू के फायदे
लकवा के कष्ट से राहत दिलाने में केंदू के (Kendu fruit)औषधीय गुण बहुत काम आते हैं। लकवा के कारण यदि जिह्वा-स्तम्भ या जीभ हिल नहीं रहा है तथा बोलने की शक्ति अस्पष्ट हो गई है तो, तिन्दुक जड़ का काढ़ा बनाकर पीने से तथा 1-2 ग्राम छाल चूर्ण में 1 ग्राम मरिच चूर्ण मिलाकर जिह्वा में घिसने से लाभ होता है।

चेहरे की खोई रंगत लौटाये तेंदू के फायदे
आजकल प्रदूषण के कारण चेहरे की रंगत खोने लगी है लेकिन तेंदू का इस्तेमाल करने से चेहरे पर अलग चमक आ जाती है। तिन्दुक रस से तिन्दुक फल को पीसकर लेप करने से त्वचा की रंगत दूर हो जाती है तथा मुख के रंग तथा कान्ति की वृद्धि होती है।

बुखार में फायदेमंद तेंदू
अगर मौसम के बदलने के वजह से या किसी संक्रमण के कारण बुखार हुआ है तो उसके लक्षणों से राहत दिलाने में तेंदू बहुत मदद करता है। 10-15 मिली तिंदुक छाल काढ़े में मधु मिलाकर पिलाने से ज्वर में लाभ होता है।

सूजन में तेंदू के फायदे
अगर किसी चोट के कारण या बीमारी के वजह से किसी अंग में हुए सूजन से परेशान है तो तेंदू के द्वारा किया गया घरेलू इलाज बहुत ही फायदेमंद होता है। तिंदुक की काष्ठ को घिसकर सूजन वाली जगह पर लगाने से सूजन कम होता है।

हिचकी में लाभकारी तेंदू
जामुन तथा तिन्दुक या केंदू (Kendu fruit) के फूल और फल के (1-3 ग्राम) पेस्ट में मधु तथा घी मिला कर खिलाने से बच्चों की हिचकी रुक जाती है।

तेंदू के उपयोगी भाग
आयुर्वेद में तेंदू के फल के रस, लकड़ी, छाल का काढ़ा, बीज का चूर्ण तथा फूल के औषधि के रुप में ज्यादा इस्तेमाल किया जाता है।