सप्ताह के सातों दिन शिवलिंग पूजन की विधि, सामग्री, लाभ और मंत्र – शिव उपासना का सम्पूर्ण रहस्य

सप्ताह के सातों दिन शिवलिंग पूजन की विधि, सामग्री, लाभ और मंत्र – शिव उपासना का सम्पूर्ण रहस्य

सप्ताह के सातों दिन शिवलिंग पूजन की पूर्ण विधि व तात्त्विक रहस्य

भगवान शिव को सृष्टि का मूल कारण, संहारकर्ता और तंत्र-मंत्र योग के अधिपति माना गया है। यदि कोई भक्त सप्ताह के सातों दिन श्रद्धा से शिवलिंग पर पूजन करता है तो वह अपने जीवन के समस्त दोषों, कष्टों, ग्रहदोषों और मानसिक क्लेशों से मुक्ति पा सकता है। इस लेख में हम जानेंगे कि हफ्ते के सातों दिन शिवलिंग पर क्या अर्पित करना चाहिए, कौन-सा मंत्र जपना चाहिए, क्या लाभ होते हैं और कौन-सा ग्रह प्रभावित होता है।

सामान्य पूजन की पूर्व तैयारी (सभी दिन के लिए)

1. प्रातः काल की तैयारी :

  • ब्रह्ममुहूर्त (सुबह 4 से 6 बजे) में उठें।
  • स्नान करके स्वच्छ सफेद या हल्के रंग के वस्त्र पहनें।
  • घर के मंदिर या किसी शिव मंदिर जाएं।
  • पूजा स्थान को शुद्ध करें – गंगाजल का छिड़काव करें।
  • पूजा की थाली में सभी सामग्री रखें।

2. शिवलिंग के समक्ष बैठकर ध्यान करें:

  • आँखें बंद करके भगवान शिव का ध्यान करें – “ॐ त्र्यम्बकं यजामहे…” मंत्र का स्मरण करें।


1. सोमवार – चन्द्र शांति और भावनात्मक संतुलन हेतु

पूजन सामग्री :

  • कच्चा दूध, शुद्ध जल, सफेद पुष्प, बेलपत्र (3 पत्तियों वाला), सफेद चंदन।

पूजन विधि :

  1. जल और दूध से शिवलिंग का अभिषेक करें।
  2. बेलपत्र चढ़ाएं (प्रत्येक पत्ता "ॐ नमः शिवाय" कहकर)।
  3. सफेद फूल अर्पित करें।
  4. सफेद चंदन से तिलक करें।
  5. “ॐ सोमाय नमः” और “ॐ नमः शिवाय” का 108 बार जप करें।
  6. अंत में आरती करें – “जय शिव ओंकारा”

ग्रह : चन्द्र

लाभ : मानसिक शांति, माता से संबंध मधुर, मनोबल में वृद्धि।

2. मंगलवार – मंगल दोष निवारण और ऊर्जा जागरण हेतु

पूजन सामग्री :

  • शहद, गुड़, लाल पुष्प, मसूर दाल, लाल चंदन।

पूजन विधि :

  1. शिवलिंग पर जल मिश्रित शहद चढ़ाएं।
  2. गुड़ अर्पित करें (थोड़ा सा प्रसाद के लिए)।
  3. लाल फूल अर्पित करें।
  4. लाल चंदन का तिलक करें।
  5. “ॐ हौं जूं सः ॐ नमः शिवाय” का 108 बार जप करें।
  6. आरती करें – “शिव तांडव स्तोत्र” का पाठ भी करें।

ग्रह : मंगल

लाभ : रक्त दोष, क्रोध, कोर्ट-कचहरी से मुक्ति, साहस में वृद्धि।

3. बुधवार – बुध ग्रह के दोष निवारण और बुद्धि के लिए

पूजन सामग्री :

  • तुलसी, हरे मूंग, मिश्री, पान, गंगाजल, हरे फूल।

पूजन विधि :

  1. तुलसी पत्र और मिश्री मिलाकर चढ़ाएं।
  2. मूंग दाल अर्पित करें।
  3. पान के पत्ते शिवलिंग के नीचे रखें।
  4. हरे फूल अर्पित करें।
  5. “ॐ नमः शिवाय शुभं शुभं कुरु कुरु शिवाय नमः” मंत्र का 108 बार जप करें।
  6. दीपक जलाकर आरती करें।

ग्रह : बुध

लाभ : वाणी की मिठास, निर्णय शक्ति, शिक्षा और व्यापार में उन्नति।

4. गुरुवार – बृहस्पति की कृपा और धर्म मार्ग के लिए

पूजन सामग्री :

  • केसर, चने की दाल, हल्दी, पीले फूल, पीला वस्त्र।

पूजन विधि :

  1. केसर मिला जल शिवलिंग पर चढ़ाएं।
  2. हल्दी का तिलक करें (हल्का सा)।
  3. पीले पुष्प और चने की दाल अर्पित करें।
  4. “ॐ बृहस्पतये नमः” मंत्र का 108 बार जाप करें।
  5. दीप प्रज्वलित करें और आरती करें।

ग्रह : गुरु

लाभ : भाग्यवृद्धि, सद्गति, गुरुदोष शांति, आध्यात्मिक प्रगति।

5. शुक्रवार – शुक्र दोष निवारण और दांपत्य जीवन सुधार हेतु

पूजन सामग्री :

  • दही, चावल, सफेद पुष्प, इत्र, सफेद वस्त्र।

पूजन विधि :

  1. दही और चावल मिलाकर शिवलिंग पर अर्पित करें।
  2. सफेद फूल अर्पित करें।
  3. चंदन का तिलक करें।
  4. “ॐ त्र्यम्बकं यजामहे…” महामृत्युंजय मंत्र का 108 बार जप करें।
  5. दीपक और अगरबत्ती से आरती करें।

ग्रह : शुक्र

लाभ : दाम्पत्य सुख, प्रेम, कला, संगीत और भौतिक ऐश्वर्य।

6. शनिवार – शनि दोष निवारण और न्याय प्राप्ति हेतु

पूजन सामग्री :

  • काले तिल, सरसों तेल, नीला पुष्प, काली उड़द।

पूजन विधि :

  1. जल में काले तिल मिलाकर अभिषेक करें।
  2. उड़द दाल और नीले पुष्प अर्पित करें।
  3. दीपक में सरसों तेल भरकर शिवलिंग के सामने जलाएं।
  4. “ॐ नमः शिवाय कालकालाय नमः” का 108 बार जाप करें।
  5. शनि स्तोत्र और आरती करें।

ग्रह : शनि

लाभ : शनि की साढ़ेसाती शांति, न्याय, बाधाओं से मुक्ति।

7. रविवार – आत्मबल, सूर्यदोष निवारण हेतु

पूजन सामग्री :

  • लाल पुष्प, रोली, गुड़, गेहूं, शुद्ध घी।

पूजन विधि :

  1. जल में रोली मिलाकर शिवलिंग पर चढ़ाएं।
  2. गुड़ और गेहूं अर्पित करें।
  3. घी का दीपक जलाएं।
  4. “ॐ नमः शिवाय सूर्यरूपाय” मंत्र 108 बार जाप करें।
  5. सूर्य को अर्घ्य दें – “ॐ घृणिः सूर्याय नमः”

ग्रह : सूर्य

लाभ : आत्मबल, पिता से संबंध सुधरता है, सरकारी कार्यों में सफलता।

विशेष निर्देश :

  • प्रत्येक दिन शिवलिंग पर बेलपत्र अर्पण अनिवार्य है।
  • बेलपत्र के प्रत्येक पत्ते पर “ॐ नमः शिवाय” बोलकर चढ़ाएं।
  • पूजा के अंत में “शिव चालीसा” या “शिवाष्टक” का पाठ करें।
  • तामसिक वस्तुओं जैसे लहसुन, प्याज, मांस-मदिरा का सेवन पूजा काल में न करें।

मूल मंत्र (सभी दिन उपयोगी):

ॐ नमः शिवाय पंचाक्षरी मंत्र (सभी रोगों, दोषों और भय से मुक्ति देने वाला)
ॐ त्र्यम्बकं यजामहे… महामृत्युंजय मंत्र (अकाल मृत्यु और रोग से रक्षा करता है)

निष्कर्ष :

हर दिन शिव की पूजा का विशिष्ट महत्व है। यदि आप नियमित रूप से सप्ताह के सातों दिन विशेष रूप से शिवलिंग पर पूजन करते हैं तो न केवल आपके जीवन से ग्रहदोष शांत होते हैं, बल्कि आपके आध्यात्मिक स्तर में भी दिव्यता आती है। भगवान शिव की आराधना जितनी सरल है, उतनी ही शक्तिशाली भी है।