वक्री बृहस्पति 4 दिसंबर 2025 को मिथुन राशि में गोचर करेंगे

वक्री बृहस्पति 4 दिसंबर 2025 को मिथुन राशि में गोचर करेंगे

4 दिसंबर 2025 को देवगुरु बृहस्पति वक्री अवस्था में मिथुन राशि में प्रवेश करेंगे। जुपिटर का मिथुन में गोचर ज्ञान, संचार, व्यापार, बुद्धिमत्ता, लेखन, तर्कशक्ति और मानसिक चपलता पर विशेष प्रभाव डालता है। जब वही बृहस्पति वक्री होकर इस राशि में प्रवेश करता है, तब यह समय गहरी समीक्षा, सूक्ष्म विश्लेषण, पुराने अवसरों की वापसी और अधूरे कार्यों को पुनः पूरा करने का होता है।

वक्री बृहस्पति अक्सर जीवन में ठहरे हुए क्षेत्रों को पुनः सक्रिय करता है और व्यक्ति को यह समझने में मदद करता है कि कहां गलत निर्णय हुए और उन्हें किस तरह सुधारा जा सकता है। यह समय योजनाओं में बदलाव, सीखने की नई प्रक्रिया, और जीवन के महत्वपूर्ण क्षेत्रों — जैसे शिक्षा, करियर, व्यापार, संतान, दांपत्य, वित्त और आध्यात्मिकता — में पुनर्विचार का संकेत देता है।

सभी राशियों के लिए यह गोचर अलग-अलग भावों में प्रभाव डालेगा। जहां कुछ लोगों के लिए यह धन, व्यापार और करियर में पुरानी अटकी हुई प्रगति को आगे बढ़ाएगा, वहीं कुछ को अपने विचारों और व्यवहार में परिपक्वता लाने की आवश्यकता होगी। वक्री बृहस्पति आपको अपनी बुद्धिमत्ता का सही उपयोग करना सिखाता है और यह समय जीवन में महत्वपूर्ण निर्णय लेने के लिए अत्यंत लाभकारी सिद्ध हो सकता है—बशर्ते व्यक्ति जल्दबाज़ी न करे।

इस गोचर के दौरान संचार, दस्तावेज़, यात्रा, डिजिटल कार्य, शिक्षा और व्यापार में विशेष सावधानी रखें। आध्यात्मिक रूप से यह समय गुरु कृपा प्राप्त करने और धर्म-कर्म में मन लगाने के लिए शुभ माना गया है। उचित उपायों के साथ यह गोचर कई लोगों के लिए अत्यंत फलदायी सिद्ध हो सकता है।

12 राशियों का विस्तृत फलादेश 

1. मेष राशि (Aries)

गोचर भाव: 3rd भाव
यह गोचर आपकी साहस, प्रयास, संचार क्षमता, भाई-बहनों और छोटी यात्राओं का कारक तीसरे भाव में हो रहा है। वक्री बृहस्पति यहाँ आपके पुराने प्रयासों को दोबारा जीवित करेगा। जिन कामों में लंबे समय से रुकावट थी, वे अब पुनः आगे बढ़ेंगे, परंतु धीरे गति से। निर्णय लेने में सावधानी जरूरी है क्योंकि वक्री गुरु आपको आत्ममंथन करवाएगा।

करियर एवं व्यापार:
पुराने व्यापारिक संपर्क सक्रिय हो सकते हैं। यदि आपने किसी प्रोजेक्ट के लिए लंबे समय से प्रयास किया था और वह रुक गया था, तो अब अवसर पुनः मिल सकता है। परंतु जल्दबाज़ी न करें, हर पेपरवर्क और बातचीत को ध्यान से परखें।

परिवार:
भाई-बहनों के साथ संबंध सुधरेंगे। पुराने विवाद भी खत्म हो सकते हैं।

स्वास्थ्य:
कंधे, हाथ, फेफड़े, नर्वस सिस्टम से जुड़े मामलों में सावधानी रखें।

उपाय:

  • भगवान विष्णु को गुरुवार को पीला पुष्प अर्पित करें

  • “ॐ बृं बृहस्पतये नमः” मंत्र का जप करें

  • पीले वस्त्र धारण करें

  • किसी ब्राह्मण को पुस्तक दान करें

2. वृषभ राशि (Taurus)

गोचर भाव: 2nd भाव
धन, वाणी, परिवार, बचत और भोजन से संबंधित दूसरा भाव सक्रिय होगा। वक्री गुरु यहां वित्तीय मामलों में समीक्षा करवाएगा। यह समय पुराने वित्तीय निर्णयों का पुनर्मूल्यांकन करने का है।

धन:
पुराना अटका हुआ धन वापस मिल सकता है, परंतु देरी रहेगी। निवेश में जल्दबाज़ी न करें।

परिवार:
परिवार में शांति बढ़ेगी। आपकी वाणी पहले से अधिक मधुर और प्रभावशाली होगी, लेकिन कभी-कभी विवाद उत्पन्न हो सकते हैं—इसलिए शब्दों पर नियंत्रण रखें।

स्वास्थ्य:
गला, थायराइड, मुंह, दांतों से जुड़ी समस्याएं हो सकती हैं।

उपाय:

  • पीली दाल का दान करें

  • माता-पिता के चरण स्पर्श करें

  • घर में गुरुवार को घी का दीपक जलाएँ

3. मिथुन राशि (Gemini)

गोचर भाव: 1st भाव (लग्न)
यह सबसे महत्वपूर्ण गोचर है क्योंकि गुरु आपके लग्न में वक्री होकर आया है। यह आपके व्यक्तित्व, विचार, निर्णय, स्वास्थ्य, आत्मविश्वास और जीवन दिशा पर गहरा प्रभाव डालेगा।

करियर एवं जीवन दिशा:
पुराने अवसर लौट सकते हैं। लंबे समय से सोच रहे कार्यों को फिर से प्रारंभ करने का सही समय है। लेकिन निर्णय लीगल और दस्तावेज़ी मामलों में सावधानी से लें।

स्वास्थ्य:
वजन बढ़ सकता है। पेट, लिवर और गैस से संबंधित दिक्कतें रहेंगी।

स्वभाव:
आपका सोचने का तरीका बदल सकता है। नई सीख और रिसर्च में मन लगेगा। आध्यात्मिकता बढ़ेगी।

उपाय:

  • पीले कपड़े पहनें

  • भगवान विष्णु की उपासना करें

  • गुरुवार को गरीबों को चना दाल दें

4. कर्क राशि (Cancer)

गोचर भाव: 12th भाव
यह समय खर्चों, विदेश यात्रा, अस्पताल, मोक्ष, ध्यान और एकांत का द्योतक है। वक्री बृहस्पति यहां आपको आंतरिक ज्ञान देगा।

धन:
खर्च बढ़ सकते हैं, परंतु महत्वपूर्ण क्षेत्रों में ही। विदेश से जुड़े काम कुल मिलाकर शुभ रहेंगे।

स्वास्थ्य:
नींद की कमी, तनाव और पैरों में दर्द संभव।
पुराने रोग फिर उभर सकते हैं।

आध्यात्मिकता:
यह समय ध्यान, पूजा-पाठ और आध्यात्मिक साधना के लिए अत्यंत शुभ है।

उपाय:

  • ओम नमो भगवते वासुदेवाय का जप करें

  • मीठा दही गुरुवार को मंदिर में चढ़ाएं

5. सिंह राशि (Leo)

गोचर भाव: 11th भाव
लाभ, नेटवर्किंग, मित्र, बड़ी कमाई, और महत्वाकांक्षा का भाव सक्रिय होगा।

धन:
पुराने अधूरे पड़े इनकम सोर्स पुनः खुल सकते हैं। लाभ मिलेगा, परंतु धीरे-धीरे।

मित्र एवं सामाजिक जीवन:
मित्रों से सहयोग मिलेगा। सामाजिक प्रतिष्ठा बढ़ेगी।

करियर:
उच्च अधिकारियों का समर्थन मिलेगा। प्रमोशन के संकेत हैं, लेकिन समय थोड़ा लेगा।

उपाय:

  • किसी विद्यार्थी को पुस्तक दान करें

  • गुरुवार को गाय को गुड़-चना खिलाएं

6. कन्या राशि (Virgo)

गोचर भाव: 10th भाव
यह करियर, पद, समाज, प्रतिष्ठा और कर्म का भाव है।

करियर:
पुरानी नौकरी से संबंधित अवसर वापस आ सकते हैं।
नया काम शुरू करने से पहले सोच-विचार जरूर करें।
पदोन्नति की संभावना बढ़ सकती है।

परिवार:
पारिवारिक जिम्मेदारियां बढ़ेंगी।

स्वास्थ्य:
एलर्जी, स्किन, या पेट से संबंधित समस्याएं हो सकती हैं।

उपाय:

  • गुरुवार को पीली चीजें दान करें

  • किसी गुरु या शिक्षक को आदर दें

7. तुला राशि (Libra)

गोचर भाव: 9th भाव
भाग्य, धर्म, पिता, उच्च शिक्षा, long travel का भाव सक्रिय होगा।

भाग्य:
पुराना रुका हुआ भाग्य खुल सकता है। कार्यों में अड़चनें कम होंगी।

शिक्षा:
उच्च शिक्षा के अवसर मिलेंगे।
पुराने प्रोजेक्ट पूरे होंगे।

पिता:
उनके स्वास्थ्य का ध्यान रखें।

उपाय:

  • गुरुवार को किसी मंदिर में पीले फल चढ़ाएँ

  • सुहागिन महिला को हल्दी दें

8. वृश्चिक राशि (Scorpio)

गोचर भाव: 8th भाव
रहस्य, परिवर्तन, दुर्घटना, शोध, बीमा, पैतृक संपत्ति का भाव सक्रिय।

परिवर्तन:
जीवन में बड़े परिवर्तन हो सकते हैं।
छिपी हुई बातों का खुलासा होगा।

धन:
बीमा, टैक्स, इन्वेस्टमेंट में सावधानी जरूरी है।

स्वास्थ्य:
अचानक चोट, सर्जरी या पुराने रोग लौट सकते हैं।

उपाय:

  • हनुमान चालीसा पढ़ें

  • सरसों के तेल का दान करें

9. धनु राशि (Sagittarius)

गोचर भाव: 7th भाव
दांपत्य, साझेदारी, विवाह और व्यापारिक पार्टनरशिप का भाव सक्रिय।

विवाह:
पुरानी गलतफहमियां दूर होंगी।
रिश्तों में परिपक्वता आएगी।

व्यापार:
साझेदारों से लाभ मिलेगा, परंतु धैर्य आवश्यक।

उपाय:

  • विष्णु सहस्रनाम का पाठ

  • दांपत्य जीवन में पीले वस्त्र पहनें

10. मकर राशि (Capricorn)

गोचर भाव: 6th भाव
रोग, ऋण, शत्रु, नौकरी का भाव सक्रिय।

नौकरी:
पुराने कार्य पूरे होंगे।
नई जिम्मेदारियां मिलेंगी।

स्वास्थ्य:
पुराने रोग दोबारा वापसी कर सकते हैं।

उपाय:

  • गाय को हरा चारा दें

  • जौ का दान करें

11. कुंभ राशि (Aquarius)

गोचर भाव: 5th भाव
संतान, शिक्षा, प्रेम और बुद्धि का भाव सक्रिय।

प्रेम:
पुराना प्यार वापस आ सकता है।

संतान:
उनकी शिक्षा व स्वास्थ्य पर ध्यान दें।

शिक्षा:
किसी पुराने विषय पर पुनः ध्यान देना पड़ेगा।

उपाय:

  • गणेश जी की उपासना करें

  • बच्चों को मिठाई बांटें

12. मीन राशि (Pisces)

गोचर भाव: 4th भाव
माता, घर, वाहन, मानसिक शांति का भाव।

परिवार:
माँ के स्वास्थ्य का ध्यान रखें।
पुराना घर या प्रॉपर्टी विवाद सुलझ सकता है।

मानसिक शांति:
थोड़ा तनाव रहेगा। ध्यान से लाभ होगा।

उपाय:

  • दुर्गा माँ की पूजा करें

  • घर में पीले पुष्प रखें