डॉक्टर से ज़्यादा उपयोगी है अमरूद

डॉक्टर से ज़्यादा उपयोगी है अमरूद

अमरूद भारत में मिलने वाला एक साधारण फल है। लगभग अधिकांश घरों या ग्रामीण इलाकों में इसके पेड़ मिल जाते हैं। कुछ पाश्चात्य विद्वानों का कहना है कि इसे अमेरिका से यहाँ पुर्तगीज लोगों द्वारा लाया गया है तथा साथ ही साथ यह भी कहते है कि अमरूद का पेड़ भारतवर्ष के कई स्थानों पर जंगलों में होता है। परंतु सच यह है कि जंगली आम, केला आदि के समान इसकी उपज अत्यन्त प्राचीन काल से हमारे यहाँ होती रही है तथा यह यहाँ का ही मूल फल है। इस लेख में हम आपको अमरूद के फायदे नुकसान और सेवन के तरीकों के बारे में विस्तार से बता रहे हैं।

अमरूद के फायदे और उपयोग
आयुर्वेद में अमरूद के कई फायदे बताए हैं, अमरूद में माताओं में दूध बढ़ाने वाले, मल को रोकने वाले, पौरुष बढ़ाने वाले, शुक्राणु बढ़ाने वाले और मस्तिष्क को सबल करने वाले होते हैं। अमरूद का औषधीय गुण प्यास को शांत करता है, हृदय को बल देता है, कृमियों का नाश करता है, उल्टी रोकता है, पेट साफ करता है औऱ कफ निकालता है। मुँह में छाले होने पर, मस्तिष्क एवं किडनी के संक्रमण, बुखार, मानसिक रोगों तथा मिर्गी आदि में इनका सेवन लाभप्रद होता है। आइये अमरूद के प्रमुख फायदों के बारे में विस्तार से जानते हैं।

सिरदर्द दूर करता है अमरूद
सूर्योदय से पहले प्रातः कच्चे हरे अमरूद को पत्थर पर घिसकर जहां दर्द होता है, वहां खूब अच्छी तरह लेप कर देने से सिर दर्द नहीं उठ पाता। अगर दर्द शुरू हो गया हो तो शांत हो जाता है। यह प्रयोग दिन में तीन-चार बार करना चाहिए।

खाँसी-जुकाम से आराम दिलाता है अमरूद
जुकाम के पुराने रोगी, जिसका कफ न निकल रहा हो, को एक बड़ा अमरूद बीज निकालकर खिला दें और ऊपर से ताजा जल रोगी नाक बंद करके पी ले। दो-तीन दिन में ही रुका हुआ जुकाम बहकर साफ हो जाएगा। दो-तीन दिन बाद अगर स्राव रोकना हो तो 50 ग्राम गुड़ रात्रि में बिना जल पीए खा लें। यदि सूखी खाँसी हो और कफ न निकलता हो तो, सुबह एक ताजे अमरूद को तोड़कर, चबा-चबा कर खाने से 2-3 दिन में लाभ होता है। अमरूद का भबका यंत्र द्वारा अर्क निकालकर उसमें शहद मिलाकर पीने से भी सूखी खाँसी में लाभ होता है। एक रिसर्च के अनुसार अमरुद की पत्तियों का सेवन जुकाम खांसी से आराम दिलाने में सहायक होता है क्योंकि अमरुद में पाये जाने वाला विटामिन- सी जुकाम और खांसी से शरीर को लड़ने में मदद करता है।

मुँह के रोग और दांतदर्द से आराम
अमरूद के 3-4 पत्तों को चबाने या पत्तों के काढ़े में फिटकरी मिला कर कुल्ला करने से दांत के दर्द में आराम होता है। अमरूद के कोमल पत्तों में कत्था मिलाकर पान की तरह चबाने से मुँह के छाले ठीक हो जाते हैं। अमरूद के पत्तों को पानी में पकाकर काढ़ा बना लें। इस काढ़े में नमक मिलाकर मुँह में 4-5 मिनट तक रख कर कुल्ला करने से मुख के घाव, मुखगत रक्तस्राव तथा मुखदौर्गन्ध्य में लाभ प्राप्त होता है और दाँत स्वस्थ रहते हैं।

हृदय रोगों से बचाव
अमरूद का औषधीय गुण पाने के लिए फलों के बीज निकाल कर बारीक-बारीक काटकर शक्कर मिलाकर, धीमी आंच पर चटनी बनाकर खाने से हृदयविकार तथा कब्ज में लाभ होता है।

उल्टी रोकने में असरदार है अमरूद
अगर आपको उल्टियां हो रही हैं तो अमरूद के उपयोग से आप उल्टियां रोक सकते हैं. इसके लिए अमरूद के पत्तों का काढ़ा 10 मि.ली. पिलाने से उल्टी बंद हो जाती है।

प्यास बुझाने में मदद करता है अमरूद
अमरूद के छोटे-छोटे टुकड़े काटकर पानी में डाल दें। कुछ देर बाद इस पानी को पीने से मधुमेह या बहुमूत्रजन्य प्यास में लाभ होता है।

पेचिश में लाभकारी है अमरूद
बच्चे का पुराना पेचिश मिटाने के लिए अमरूद की 15 ग्राम जड़ को 150 मिली जल में पकाकर जब आधा जल शेष रह जाए तो 6-6 मि.ली. तक दिन में दो-तीन बार पिलाना चाहिए। कच्चे अमरूद के फल को भूनकर खिलाने से भी अतिसार में लाभ होता है। अमरूद की छाल व इसके कोमल पत्रों का काढ़ा बनाकर 20 मि.ली. मात्रा में पिलाने से हैजा की प्रारम्भिक अवस्था में लाभ होता है। अमरूद की छाल का काढ़ा अथवा छाल के 5-10 ग्राम चूर्ण का सेवन करने से पेचिश, हैजा, दूषित भोजन की विषाक्तता, उल्टी तथा अनपच आदि ठीक होते हैं। अमरूद का मुरब्बा, पेचिश एवं अतिसार में लाभदायक है। अमरूद के नये पत्तों को पीसकर स्वरस निकाल लें। इस स्वरस में चीनी मिलाकर प्रातःकाल सेवन करने से सात दिनों में बदहजमी में लाभ होने लगता है।

कब्ज से छुटकारा पाने के लिए करें अमरूद का सेवन
प्रातः अमरूद को नाश्ते में काली मिर्च, काला नमक तथा अदरख के साथ खाने से बदहजमी, खट्टी डकारें, पेट फूलना तथा कब्ज का निवारण होकर भूख बढ़ने लगेगी। दोपहर खाने के समय अमरूद को खाने से आंत के दर्द तथा अतिसार में लाभ होता है। अमरूद के गुण का लाभ मिलने के लिए सही मात्रा में सेवन करना ज़रूरी होता है। अमरूद का मुरब्बा कब्जियत को दूर करने का एक अचूक उपाय है। अगर आप कब्ज से परेशान है तो अमरुद का मुरब्बा आपके लिए फायदेमंद हो सकता है, क्योंकि अमरुद में लैक्सटिव का गुण पाया जाता है जो कि कब्ज को दूर करने में सहायता करता है।

पेट दर्द में लाभकारी है अमरूद
पेट दर्द यदि आपको एसिडिटी के कारण है और साथ ही पेट में जलन हो रही है तो अमरुद के पत्ते का काढ़ा आपके लिए फायदेमंद हो सकता है क्योकि इसमें क्षरीयता का गुण पाया जाता है जो कि एसिडिटी को शांत कर पेट में आराम देता है। अमरुद का फल कब्ज के कारण होने वाले पेट दर्द में कब्ज को दूर कर आराम देता है।

दांत दर्द से राहत दिलाने में फायदेमंद अमरूद
अगर आपको दाँत में दर्द है तो तो अमरुद की पत्तियों को चबाना आपके लिए फायदेमंद हो सकता है, क्योंकि कषाय गुण होने के कारण के दर्द में आराम देती है और मुख में छाले या घाव है तो उसको भरने में भी मदद करती है।

ठंडक के लिए अमरूद का सेवन करें
शरीर में ठंडक लाने के लिए अमरुद का सेवन एक अच्छा उपाय हो क्योंकि आयुर्वेद के अनुसार अमरुद की तासीर ठंडी होती है इसलिए इसका सेवन शरीर को ठंडक प्रदान करने वाला होता है।

हीमोग्लोबिन की कमी दूर करने में अमरूद के फायदे
यदि आपको हीमोग्लोबिन की कमी है तो अमरुद का सेवन फायदेमंद हो सकता है क्योंकि अमरुद आयरन प्रचुर मात्रा में होता है।

मुँह का दुर्गंध दूर करने में फायदेमंद हीमोग्लोबिन
अमरुद के पत्ते त्वचा के निखार के लिए भी प्रयोग किये जाते है। अमरुद की पत्तियों का लेप कील-मुहासों को दूर करके त्वचा पर निखार लाता है क्योंकि इनमें कषाय गुण पाया जाता है जो त्वचा की गंदगी दूर करता है और तैलीय तत्व को नियंत्रित कर मुंहासों को आने से रोकता है।

मलद्वार बाहर निकलने की समस्या से दिलाये आराम
अमरूद और नागकेशर दोनों को महीन पीसकर उड़द के समान गोलियाँ बनाकर सेवन कराने से कब्ज के कारण गुदभ्रंश यानी मलद्वार का बाहर निकलना बंद होता है। अमरूद के वृक्ष की छाल, जड़ और पत्ते, बराबर-बराबर लेकर मोटा कुट लें तथा एक लीटर जल में उबालें, जब आधा जल शेष रह जाए, तब इस काढ़े से गुदा को बार-बार धोना चाहिए इससे गुदभ्रंश में लाभ होता है। लगातार होने वाले दस्त के कारण होने वाले गुदभ्रंश में अमरूद के ताजे पत्रों की पुल्टिस बनाकर बाँधने से दर्द और सूजन कम होती है तथा गुदभ्रंश में लाभ होता है।

खूनी बवासीर से आराम दिलाता है अमरूद
5-10 ग्राम अमरूद की छाल के चूर्ण को उसके ही काढ़े के साथ सेवन करने से बवासीर के कारण होने वाले रक्तस्राव तथा खुजली का शमन होता है। अमरूद के गुण का लाभ मिलने के लिए सही मात्रा में सेवन करना ज़रूरी होता है।

गठिया में फायदेमंद
अमरूद के कोमल पत्तों को पीसकर गठिया के दर्द वाले स्थानों पर लेप करने से लाभ होता है।

मानसिक रोगों में फायदेमंद है अमरूद
अमरूद के पत्ते के काढ़े का सेवन करने से मस्तिष्क विकारों तथा किडनी की जलन का शमन होता है।

ऐंठन व कंपन दूर करता है अमरूद
अमरूद के पत्ते के अर्क या टिंचर को बच्चों की रीढ़ की हड्डी पर मालिश करने से आक्षेप रोग यानी ऐंठन तथा कंपन में लाभ होता है।