कार्तिक मास को स्वास्थ्य के लिए फायदेमंद क्यों माना गया है?

कार्तिक मास को स्वास्थ्य के लिए फायदेमंद क्यों माना गया है?

कार्तिक मास, जो आमतौर पर अक्टूबर-नवंबर के बीच आता है, न केवल धार्मिक रूप से महत्वपूर्ण होता है, बल्कि इसका वैज्ञानिक और स्वास्थ्य की दृष्टि से भी विशेष महत्व है। इसे “रोगों को दूर करने वाला मास” भी कहा गया है। आइए जानें क्यों:

1. मौसम परिवर्तन और शरीर की प्राकृतिक सफाई

  • कार्तिक मास शरद ऋतु में आता है, जो वर्षा ऋतु के ठीक बाद का समय होता है।

  • वर्षा ऋतु में नमी और गंदगी के कारण अनेक प्रकार के रोगाणु फैलते हैं।

  • कार्तिक में वातावरण साफ, शुष्क और हल्का ठंडा होता है, जिससे शरीर को रोगों से लड़ने में मदद मिलती है।

2. सुबह नदी स्नान का वैज्ञानिक महत्व

  • इस मौसम में सुबह जल्दी उठकर ठंडे पानी से स्नान करने से रक्त संचार सुधरता है और त्वचा पर अच्छा प्रभाव पड़ता है।

  • नदी या तालाब के शुद्ध पानी में स्नान करने से शरीर के टॉक्सिन्स बाहर निकलते हैं।

  • ताजी हवा और प्रातः सूर्य की किरणें विटामिन D का प्राकृतिक स्रोत होती हैं, जो इम्यून सिस्टम को मजबूत बनाती हैं।

3. रोगाणु नष्ट करने में सहायक सूर्य की रोशनी

  • शरद ऋतु में सूर्य की किरणें सीधे पृथ्वी पर आती हैं, जिससे वातावरण में मौजूद सूक्ष्मजीव और रोगाणु समाप्त हो जाते हैं।

  • सूर्य की सुबह की रोशनी शरीर के लिए सुरक्षित और स्वास्थ्यवर्धक मानी जाती है।

4. मानसिक और आध्यात्मिक शांति

  • कार्तिक मास में पूजा-पाठ, व्रत, ध्यान और दान का विशेष महत्व होता है।

  • मानसिक रूप से सकारात्मक विचार और दिनचर्या स्वास्थ्य को बेहतर बनाने में मदद करते हैं।

5. सादा और सात्विक आहार

  • इस मास में अक्सर लोग सात्विक भोजन करते हैं, जैसे फल, मूंग, कंद-मूल आदि, जो पाचन तंत्र को आराम देते हैं।

  • उपवास या हल्का भोजन करने से शरीर डिटॉक्स होता है।

निष्कर्ष

कार्तिक मास को स्वास्थ्य के लिए अनुकूल माना जाता है क्योंकि इस समय वातावरण स्वच्छ, शुद्ध और रोगाणुओं से मुक्त होता है। सुबह जल्दी उठकर नदी में स्नान करने की परंपरा न केवल धार्मिक नियम है, बल्कि इसका वैज्ञानिक आधार भी है – यह शरीर को तरोताजा और रोगमुक्त बनाए रखने में सहायक होता है।